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CBSE की परीक्षा कैंसिल:याचिकाकर्ता ने कहा- इस फैसले को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी; एग्जाम पर एक्सपर्ट्स की राय बंटी

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नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने इस साल CBSE 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों की सुरक्षा का हवाला देते हुए परीक्षा कैंसिल करने का निर्णय लिया।

परीक्षा कैंसिल करने की याचिका लगाने वाली एडवोकेट ममता शर्मा कहती हैं कि मैंने जब याचिका लगाई थी तो बहुत लोगों ने मुझे हतोत्साहित किया था, लेकिन मुझे बच्चों की सुरक्षा के लिए कोर्ट में गुहार लगानी थी।’ लेकिन अभी मुझे यह लड़ाई बीच में नहीं छोड़नी है। 3 जून को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में मुझे दो गुजारिश कोर्ट से करनी है।

याचिकाकर्ता की दो अन्य मांगें..

  1. एडवोकेट ममता शर्मा कहती हैं कि यह फैसला सभी राज्यों के बोर्ड पर लागू हो। मैंने यह लड़ाई करीब डेढ़ करोड़ बच्चों के लिए शुरू की थी। अब यह लड़ाई दूसरे बच्चों के लिए भी होगी।
  2. दूसरी गुजारिश मेरी सुप्रीम कोर्ट से रहेगी कि सभी राज्य नतीजे 15 जुलाई से पहले घोषित करें, ताकि विदेशों में पढ़ाई के लिए अप्लाई करने वाले छात्र-छात्राओं का यह साल बर्बाद न हो।

एग्जाम रद्द होने पर एक्सपर्ट्स भी एकराय नहीं
एजुकेशनिस्ट पुष्पेश पंत कहते हैं, ‘मेरे ख्याल से इससे अच्छा फैसला कुछ नहीं हो सकता। बच्चों के मां-बाप के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात नहीं हो सकती कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं। जो लोग परीक्षा न होने पर बच्चों का करियर बर्बाद होने की बात कह रहे थे, मुझे तो उनके लॉजिक समझ ही नहीं आ रहे थे।

उनका कहना है कि यह आपदा का समय है। इस समय बच्चों की जान बचानी जरूरी है या फिर बच्चों को एग्जाम के लिए सेंटर भेजकर जान जोखिम में डालना ठीक है। दूसरी बात रही आगे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में एडमिशन लेने की तो वहां कई जगह तो पहले से ही एंट्रेंस एग्जाम होते हैं और जहां नहीं होते, वहां लागू करना चाहिए।

वे केंद्र सरकार पर राज्यों से शिक्षा और परीक्षा के मसले पर सलाह न लेने का भी आरोप मढ़ते हैं। वे कहते हैं कि संविधान के पहले अनुच्छेद के मुताबिक भारत सभी राज्यों का संघ है, लेकिन केंद्र सरकार ने संविधान की आत्मा को ही मार डाला। 23 मई को महज मीटिंग भर हुई, पर राज्यों के प्रतिनिधियों की ओर से पेश किए परीक्षा के प्रस्तावों पर चर्चा तक नहीं हुई।

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