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आईएएस अफसर निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव 

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भोपाल निगम परिषद की बैठक में शुक्रवार को अपर आयुक्त एवं बीसीएलएल सीईओ निधि सिंह के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। यह पहली बार है जब राजधानी में किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ परिषद की बैठक में ऐसा प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव बीसीएलएल डायरेक्टर और एमआईसी सदस्य मनोज राठौर के खिलाफ सार्वजनिक वक्तव्य देने के मामले में लाया गया। महापौर मालती राय और नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी समेत सभी पार्षदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया कि यह प्रस्ताव राज्य शासन के माध्यम से केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को भेजा जाएगा। बैठक के दौरान ही यह प्रस्ताव तैयार हुआ और सभी पार्षदों ने उस पर हस्ताक्षर किए।

खरगोन के पूर्व विधायक जोशी को हाईकोर्ट से झटका
खरगोन के पूर्व विधायक रवि जोशी को हाईकोर्ट ने झटका दिया है। संपत्तियां कुर्क करने से रोकने के लिए दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। पूर्व विधायक जोशी, ताज मोहम्मद, रफीक मोहम्मद ने विनोद रघुवंशी को लोन दिलाने के लिए पीएनबी में बतौर गारंटर संपत्तियां गिरवी रखी थीं। लोन वसूली के लिए बैंक ने नोटिस जारी कर कुर्की प्रक्रिया शुरू की थी। इसे पूर्व में डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) में चुनौती दी गई थी, जिसे डीआरटी ने खारिज कर दिया था। कुर्की कार्रवाई फिर शुरू हई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

सदस्यता पर खतरा, निर्मला सप्रे पहुंचीं भाजपा कार्यालय, नहीं हुई किसी वरिष्ठ नेता से मुलाकात
बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीते रोज प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंची। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा एवं संगठन महामंत्री हितानंद के बाहर होने के चलते उनकी इन नेताओं से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद निर्मला काफी देर तक कार्यालय में रकी रहीं, लेकिन किसी वरिष्ठ नेता से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि सोमवार 16 दिसम्बर से विधानसभा का शीत सत्र प्रारंभ होने वाला है। कांग्रेस पहले ही निर्मला की सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख चुकी हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है जिस पर निर्णय होना है। ऐसे में निर्मला मुश्किल में हैं कि आखिर वह करे तो क्या करें।

दिग्विजय की शिकायत पर मोदी सरकार का एक्शन
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का आग्रह किया था। जिसका जवाब केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिया। उन्होंने कहा कि जैविक कपास प्रमाणीकरण में उल्लंघन पर कार्रवाई जारी है। दिग्विजय ने लिखा था कि प्रदेश के निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं और इन समूहों में ऐसे किसानों को भी शामिल किया हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन और न ही बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। पूर्व सीएम ने लिखा था कि कंट्रोल यूनियन नामक सर्टिफिकेशन बॉडी द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन के एपिडा और व्यापारियों की मिलीभगत से ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।

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