एस पी मित्तल,अजमेर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जिले के पुष्कर से आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ और केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक रघु शर्मा की जीत का जुगाड़ कर दिया है। यह जीत आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित है। केकड़ी में रघु के सामने कांग्रेस का टिकट मांगने वाला कोई नेता है ही नहीं, जबकि पुष्कर में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर दावेदार हैं। लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ ने पिछले एक वर्ष में पुष्कर में जो राजनीतिक सक्रियता दिखाई है, उसमें नसीम अख्तर काफी पीछे हो गई है। नसीम को छोड़कर पुष्कर के सभी कांग्रेसियों ने राठौड़ को अपना नेता स्वीकार कर लिया है। 17 मार्च को सीएम गहलोत ने विधानसभा में पुष्कर विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की। यह घोषणा राठौड़ की मांग पर ही की गई। प्राधिकरण के बनने से हिन्दुओं के इस स्थल का समुचित विकास होगा। मौजूदा समय में पुष्कर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। हर बरसात में सीवरेज का पानी पवित्र सरोवर में चला जाता है। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती है। राठौड़ की पहल पर पिछले दिनों ही पुष्कर विकास के लिए 500 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा हुई और अब प्राधिकरण गठन की। प्राधिकरण के बनते ही पुष्कर तीर्थ के विकास की जिम्मेदारी आईएएस के पास आ जाएगी। मौजूदा समय में विकास की जिम्मेदारी नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी की है। प्राधिकरण के गठन से पुष्कर में धर्मेन्द्र राठौड़ का प्रभाव और बढ़ेगा।
रघु की भी स्थिति मजबूत:
सीएम गहलोत ने अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड के साथ साथ केकड़ी उपखंड को भी जिला बनाने की घोषणा की है। 14 मार्च को ही रघु ने सीएम गहलोत से कहा था कि आपने केकड़ी को बहुत दिया है। बस जिला बनाने की आखिरी मांग है। यदि केकड़ी में कलेक्टर-एसपी बैठा दिया तो फिर अगले चुनाव में परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में ही होंगे। सीएम गहलोत ने पुष्कर में धर्मेन्द्र राठौड़ और केकड़ी में रघु शर्मा की जीत का जुगाड़ तो कर दिया है, लेकिन इस जुगाड़ का उपभोग ये दोनों नेता कैसे करते हैं, यह विधानसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगे।
गहलोत मॉडल लागू हो:
गुजरात के गांधी नगर में आयोजित डेयरी उद्योग के राष्ट्रीय सम्मेलन में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मॉडल पूरे देश में लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने पशुपालकों के लिए जो घोषणाएं की है उनसे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। जिसका फायदा डेयरी उद्योग को भी मिला है। इस बजट में पशुपालकों के लिए चार हजार करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। स्कूलों में मिड-डे-मील दूध योजना में विद्यार्थियों को सातों दिन दूध दिया जा रहा है। गौशालाओं एवं नंदी शालाओं में बारह माह का अनुदान भी दिया गया है। लंपी रोग से मृत पशुधन के लिए चालीस हजार रुपए की सहायता दी गई है। पचास हजार पशुपालकों को अनुदानित दर पर चाप कटर यंत्र उपलब्ध करवाया गया है। राज्य में वेटरनरी यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा भी की गई है। पशुओं की चिकित्सा में काम आने वाली दवाएं भी नि:शुल्क दी जा रही है। चौधरी ने कहा कि डेयरी उद्योग के विकास के लिए राजस्थान में सीएम गहलोत ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।