Site icon अग्नि आलोक

SBI को CJI चंद्रचूड़ ने एक बार फिर लगाई फटकार

Share

नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को एक बार फिर से कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि हमारे आदेश के बावजूद एसबीआई ने अभी तक यूनिक आईडी नंबर डिस्क्लोज क्यों नहीं किया गया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जब हमारा आदेश इस मामले में पहले से स्पष्ट है, तो एसबीआई क्यों डेटा रिलीज नहीं कर रहा है.’

CJI चंद्रचूड़ ने इसके साथ ही कहा, ‘SBI का रवैया ऐसा है कि अदालत बताए कि किस किसका खुलासा करना है. हम चाहते हैं कि चुनावी बांड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए, जो आपके पास है.’

‘हर बात का खुलासा करे एसबीआई’
सीजेआई ने SBI के वकील हरीश साल्वे से कहा, ‘हम चाहते थे कि एसबीआई हर बात का खुलासा करे. एसबीआई चयनात्मक नहीं हो सकता. हमें उम्मीद थी कि एसबीआई अदालत के प्रति स्पष्टवादी और निष्पक्ष रहेगा. जब हमने सभी विवरण देने को कहा था, तो इसका मतलब सभी विवरण है. बांड संख्या का खुलासा क्यों नहीं किया गया.

CJI चंद्रचूड़ ने SCBA के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल से कहा कि आप वरिष्ठ वकील भी हैं और SCBA अध्यक्ष भी. चुनावी बांड पर आपका पत्र पब्लिसिटी स्टंट है. इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहते.’ वहीं कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एससीबीए अध्यक्ष के पत्र से सरकार इत्तेफाक नहीं रखती.

SG बोले- मामले को अलग मोड़ देने की हो रही कोशिश
इस मामले में केंद्र की तरफ से पेश मेहता ने कहा, ‘आपने फैसला दिया, लेकिन कोर्ट के बाहर कुछ दूसरी तरह से इसे लिया जा रहा है. गंभीर मामला एसबीआई की अर्जी के बाद सामने आया. उसके बाद से प्रेस इंटरव्यू देना शुरू किया गया, उसे अलग ही मोड़ देने की कोशिश हो रही है.’

इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘एक संस्थान के तौर पर सोशल मीडिया में चलने वाली बातों को लेकर मज़बूत कंधे होने चाहिए. हमारी मंशा सिर्फ़ जानकारी सामने लाना है.’

वहीं इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अप्रैल 2019 में कोर्ट ने राजनेतिक पार्टियों से बांड से संबंधित जानकारी मांगी थी, लेकिन केवल कुछ ही राजनीतिक पार्टी ने डेटा साझा किया है.

सीजेआई ने फिर तमाम दलीलें सुनने के बाद SBI चेयरमैन को गुरुवार यानी 21 मार्च को शाम 5 बजे तक सारी जानकारी साझा करने और इस बाबत एक हलफनामा भी दाखिल करने का निर्देश दिया.

Exit mobile version