अग्नि आलोक

डॉ महाडिक और आरडी गार्डी पर कार्यवाही की खानापूर्ति

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बड़े-बड़े मामलों को रफा-दफा करने में महारती डॉ महाडिक क्या इस बार भी छोटी कार्यवाही से बच जाएगा…? क्या डॉ महाडिक फिर अपने बड़े संपर्क का फायदा उठा लेगा…? शहर के सारे जनप्रतिनिधि जब इसके खिलाफ है तो रासुका से इसे बचा कौन रहा है…? शहर के जनप्रतिनिधियों की भी क्या प्रशासन नही सुनेगा…? प्रबन्धन का एक सिद्धान्त है जब किसी का बहुत विरोध हो तो उस पर छोटी कार्यवाही कर दो सारे विरोधी खुश हो जायेगे ओर इस कार्यवाही के श्रेय लेने में लग जायेंगे । मुख्य मुद्दे से सबका ध्यान हट जाएगा ।

इस मामले में भी क्या इसी सिद्धान्त का प्रयोग किया जा रहा है…? इस मामले को सबसे पहले 17 अप्रैल को शीर्षक “आरडी गार्डी डायरेक्टर महाडिक ने किया शर्मनाक काम ” मेने उठाया लेकिन इसका श्रेय मुझे नही चाहिए मुझे तो सिर्फ जनता की मांग पुरी होने पर खुशी होगी । जब डॉ महाडिक पर रासुका लगेगी तभी मुझे संतुष्टि होगी । आज से 4 दिन पहले प्रदेश के मुख्य सचिव जी को मैने फोन पर पूरे मामले की जानकारी दी थी जिसे उन्होंने बहुत। गम्भीरता से सुना था । लगातार इस मामले को मेने प्रधानमंत्री कार्यालय ,गृह मंत्रालय , स्वास्थ्य मंत्री ,मुख्यमंत्री ,प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री आदि को टैग करके नियमित ट्वीट किया है । देखना है केंद्र सरकार इस मामले में क्या एक्शन लेती है…? शहर के जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहां है कि आरडी गार्डी की व्यवस्था खराब है । लेकिन एक या दो जनप्रतिनिधियों को छोड़ दिया जाए तो किसी ने डॉ महाडिक पर रासुका लगाने की मांग नही की ।जबकि जनता यह मांग सोशल मीडिया के माध्यम से रोज कर रही है ।

ये कैसे जनप्रतिनिधि है जो जनता की आवाज को ही नही उठा रहे है । एक जनप्रतिनिधि ने कहाँ की उज्जैन में 900/- करोड़ से अधिक की लागत से बने चरक हॉस्पिटल को छोड़कर कोरोना मरीजों के लिए आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को जिम्मा दिया गया । आखिर क्यों…? शहर से 12 किमी दूर कोई हॉस्पिटल लिया गया जहां तक पहुंचते-पहुंचते 2 लोग मारे गए । इतनी लंबी दूरी तय करके हॉस्पिटल पहुंचने में लेट हो रहे मरीज अस्पताल के गेट पर ही मृत हो रहें है । बाकी बच गए तो अंदर जाकर अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाते-उठाते मर गए । कोरोना संक्रमित आरडी गार्डी को जानलेवा हॉस्पिटल मान रहें है…? आखिर ऐसा क्यो हो रहा है…? क्यो प्रशासन आरडी गार्डी की समस्त प्रबंधकीय व्यवस्था अपने हाथ मे नही ले रहा ।

उज्जैन का प्रशासन बहुत उच्च कोटि का है अगर वो प्रबंधकीय व्यवस्था अपने हाथ मे ले लेता है तो इस हॉस्पिटल की हालत सुधर सकती है । क्योंकि अभी सारे प्रशासन का ध्यान कोरोना महामारी पर है कुछ शानदार अधिकारियों को यहां नियुक्त किया जा सकता है । आरडी गार्डी के ओर चैरिटेबल के स्टाफ के वाट्स एप ग्रुप में चर्चा अभी जोरो पर है मुख्य बिंदु है आरडी गार्डी के डीन डॉ महाडिक की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का क्या हुआ…? कुछ सीनियर डॉक्टरों के डांटने के बाद स्टाफ ने कमेंट डिलीट कर दिए । लेकिन जिन ग्रुप में डॉक्टर नही वहां लगातार यह बात चल रही है ।ग्रुप पर एक ओर चर्चा बहुत अधिक हो रही है कि ” ये महाडिक सबको ले डूबेगा ” केवल उस स्टाफ का कोरोना टेस्ट किया गया है जो डॉ के कोरोना संक्रमित भाई भतीजे के सीधे संपर्क में आये थे । लेकिन उन संक्रमितों के घर वालो की टेस्ट अभी तक नही किये गए है…? इन संक्रमितों के संपर्क में आये स्टॉफ का भी सेंपल नही लिया गया है…? यह सब घबराए-घबराए घूम रहे है । स्टॉफ ग्रुपो में चल रही चर्चाओं में महाडिक के खिलाफ सबका गुस्सा है । कहाँ जा रहा है कि जान है तो जहान है छुट्टी ले लेते है तब उसी ग्रुप में बताया जाता है कि इस समय छुट्टी लेने पर कानूनी कार्यवाही हो जाएगी…? अब एक तरफ खाई एक तरफ कुआं है । जाए तो जाए कहाँ…? एक नर्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उसकी 11 घण्टे से ज्यादा ड्यूटी लगाई जा रही है । नर्सो को बहुत अधिक मानसिक दवाब है ।

आरडी गार्डी में अन्य कार्य करने वाले स्टॉफ ने आरडी गार्डी में आना बन्द कर दिया है । आस-पास के गांव से आने वाले इन लोगो को इनके गांव वालों ने ही कॉलेज जाना छुड़वा दिया है डर का माहौल ऐसा है कि आरडी गार्डी में स्टाफ की सुनने वाला कोई नही है । स्टॉफ मानसिक दवाब का सामना कर रहें है । एक तो काम की थकान एक मानसिक पीड़ा स्वयं के संक्रमित होने का ख़ौफ़ ।  कल मुख्यमंत्री ने आरडी गार्डी को व्यवस्था सुधारने के लिए कहाँ और आज जानकारी लगी कि रियाज नामक व्यक्ति आरडी गार्डी की लापरवाही से अपने प्राण त्याग गया । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित खबर लगते ही उनकी पत्नी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गयी । सवाल उठाये पर शासन प्रशासन आरडी गार्डी एवं डॉ महाडिक पर सख्त कार्यवाही करेगा इसी उम्मीद से रोज जनता आवाज उठा रही है । देखना है कब तक यह मांग पूरी होती है । 

उक्त लेख में जानकारी आमजन द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए कमेंट ,समूह चर्चा ,डाली गई पोस्ट ,समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर है । 

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