मध्य प्रदेश में 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय करते हुए कांग्रेस ने चुनाव प्रचार खत्म होने तक पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे सहित अपने वरिष्ठ नेताओं की कई रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होंगे। कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि खरगे शनिवार को जबलपुर जिले में दो रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। उनके बाद, कांग्रेस के दो अन्य वरिष्ठ नेता – पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा – 15 नवंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होने तक पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए राज्य का दौरा करते रहेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खरगे राज्य में कुल 22 रैलियों को संबोधित करेंगे जबकि प्रियंका गांधी छह चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगी और राहुल गांधी छह से अधिक पदयात्राएं निकालेंगे और पार्टी के वास्ते समर्थन जुटाने के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा, “खरगे चार नवंबर को जबलपुर जिले के कटंगी और शाहपुरा में रैलियों को संबोधित करके मध्य प्रदेश में अपने चुनाव प्रचार के आखिरी चरण की शुरुआत करेंगे।” कांग्रेस सोशल मीडिया प्रकोष्ठ की प्रमुख श्रीनेत ने कहा, “हमारा लक्ष्य 150 से अधिक सीटें जीतने का है।” उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला 30 रैलियों को संबोधित करेंगे। श्रीनेत ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह क्रमशः 70 और 60 रैलियों को संबोधित करेंगे। उनके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और सुरेश पचौरी जैसे अन्य नेता भी राज्य भर में रैलियों को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश के लोग ‘जंगल राज’ वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से तंग आ चुके हैं और भारी जनादेश के साथ कांग्रेस को वोट देने के लिए तैयार हैं क्योंकि वे पार्टी और उसके वादों पर विश्वास करते हैं।” श्रीनेत ने कहा कि पार्टी नेता अपनी चुनावी रैलियों, पैदल मार्च और जनसंपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से भाजपा के 18 साल के “कुशासन और विफलता” को उजागर करेंगे। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की वापसी का समय समाप्त हो गया है। बीजेपी-कांग्रेस को कई नाराज नेताओं ने अपना नामांकन वापस ले लिया है लेकिन कई नेता हैं जो अभी भी मैदान नें डंटे हुए हैं। बागियों के मैदान में उतरने से कई सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है। कुछ सीटों पर मामला त्रिकोण हो गया है। बीजेपी के जहां कई बागियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं वहीं, कांग्रेस के ज्यादातर बागी मैदान में हैं। बागियों के मैदान में जमे रहने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
विधानसभा सभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कई सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं। जिन नेताओं के टिकट बदल गए हैं वो भी चुनाव मैदान में हैं हालांकि वे अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के भी कई नेताओं ने नामांकन दाखिल किया था। हालांकि पार्टी के सीनियर नेताओं ने कुछ नाराज नेताओं को मना लिया है।
9 सीटों पर है सबसे ज्यादा बगावत
9 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस की बगावत से बीजेपी को नुकसान हो सकता है। भोपाल उत्तर से सीनियर आरिफ अकील के छोटे भाई आमिर अकील मैदान में हैं। अमीर अकील के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद कांग्रेस ने उनके बेटे को टिकट दिया है। जिस कारण से आरिफ अकील के छोटे भाई नाराज हैं और चुनाव मैदान में हैं। वहीं, उत्तर विधानसभा सीट से ही नासिर इस्लाम भी चुनाव मैदान में हैं।
महू विधानसभा सीट से अंतर सिंह दरबार, आलोट विधानसभा सीट से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू चुनाव मैदान में हैं। खरगापुर विधानसभा सीट से अजय यादव ने नामांकन वापस नहीं लिया है। सिवनी मालवा विधानसभा सीट से ओपी रघुवंशी, गोटेगांव विधानसभा सीट से शेखर चौधरी, बरगी विधानसभा सीट से जयकांत सिंह और वडनगर विधानसभा सीट से राजेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव मैदान में हैं।
एमपी में 17 नवंबर को होगी वोटिंग
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव एक ही चरण में पूरे होंगे। विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 17 नवंबर को वोटिंग होगी। चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा।
मध्य प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस का ‘धुआंधार’ प्रचार
मध्य प्रदेश में 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय करते हुए कांग्रेस ने चुनाव प्रचार खत्म होने तक पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे सहित अपने वरिष्ठ नेताओं की कई रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होंगे। कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि खरगे शनिवार को जबलपुर जिले में दो रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। उनके बाद, कांग्रेस के दो अन्य वरिष्ठ नेता – पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा – 15 नवंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होने तक पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए राज्य का दौरा करते रहेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खरगे राज्य में कुल 22 रैलियों को संबोधित करेंगे जबकि प्रियंका गांधी छह चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगी और राहुल गांधी छह से अधिक पदयात्राएं निकालेंगे और पार्टी के वास्ते समर्थन जुटाने के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे।
मप्र में बेरोजगारी के लिए भाजपा सरकार की ‘गलत’ नीतियां जिम्मेदार : कमलनाथ
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ”गलत” नीतियों के कारण राज्य में एक करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि लोगों को “50 प्रतिशत कमीशन” देने के बाद ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। सत्रह नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले यहां एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने युवाओं, किसानों और समाज के अन्य वर्गों का भविष्य “बर्बाद” कर दिया है। सागर जिले के खुरई शहर में रैली में कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राज्य में लोगों को (कल्याण) योजनाओं का लाभ 50 प्रतिशत ‘कमीशन’ देने के बाद ही मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मध्य प्रदेश में एक करोड़ युवा बेरोजगार रह गये हैं। मध्य प्रदेश के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह बुंदेलखंड क्षेत्र के खुरई से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर कांग्रेस उम्मीदवार रक्षा राजपूत के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
चौहान का दावा- कमलनाथ मॉडल ‘भ्रष्टाचार, अपराध और कमीशन’ का है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को चुनावी राज्य में एक रैली में आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के शासन मॉडल में “भ्रष्टाचार, अपराध और कमीशन” शामिल है। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। चौहान ने टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “वह कहते रहे हैं कि कमलनाथ मॉडल आएगा (यदि कांग्रेस चुनाव जीतती है और सरकार बनाती है)। यह कमलनाथ मॉडल क्या है? यह भ्रष्टाचार, अपराध और कमीशन का एक मॉडल है।” चौहान ने दावा किया कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आई तो उनकी सरकार की प्रमुख ‘लाडली बहना योजना अस्तित्व में नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत महिला लाभार्थियों को हर महीने एक निश्चित राशि मिलती है। संयोग से, कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता का वादा किया है, जबकि चौहान ने पहले कहा है कि लाडली बहना योजना के तहत सहायता को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।