एस पी मित्तल, अजमेर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं को लेकर सरकार रिपीट का कितना भी दावा कर लें, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सहयोग से ही सरकार रिपीट हो सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार हाईकमान खास कर राहुल गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जो प्राथमिक सर्वे करवाया, उसमें पायलट की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई है। हाईकमान अब दो टूक निर्णय लेना चाहता है। हाईकमान के सख्त रुख का ही परिणाम है कि 85 प्रदेश सचिवों वाली सूची को अभी तक क्लीयर नहीं किया है। जबकि यह सूची प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सहमति से जारी की थी। इस सूची पर रोक लगा कर हाईकमान ने रंधावा को भी अपनी हैसियत में रहने के संकेत दे दिए हैं। हाईकमान का कहना है कि अब संगठन और सरकार में जो बदलाव होंगे, उनमें पायलट की राय भी शामिल हो जाएगी। डोटासरा और रंधावा के माध्यम से हाईकमान ने सीएम गहलोत को भी संदेश भिजवा दिया है। पायलट की भूमिका होने पर अब गहलोत के रुख का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान को लेकर निर्णायक बैठक 6 जुलाई को दिल्ली में होगी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी भी उपस्थित रहेंगे। स्वाभाविक है कि इतनी बड़ी बैठक में सीएम गहलोत को भी आमंत्रित किया गया होगा। जबकि दोनों पैर के अंगूठों में एक साथ चोट लगने के कारण गहलोत का चलना फिरना और लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना फिलहाल बंद है। यदि गहलोत की गैर मौजूदगी में भी दिल्ली में बैठक होती है तो यह कांग्रेस की राजनीति के लिए बड़ी बात होगी। सूत्रों के अनुसार हाईकमान अब पायलट की भूमिका के मामले को लटकाए नहीं रखना चाहता है। हाईकमान को भी पता है कि मात्र चार माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है, जबकि कांग्रेस में गहलोत और पायलट का मामला नहीं निपटा है। सूत्रों के अनुसार पायलट को लेकर हाईकमान ने जो रुख अपनाया है, उससे सीएम गहलोत खुश नहीं है। गहलोत चाहते हैं कि पायलट के बगैर ही चुनाव लड़ा जाए।
डोटासरा का डेरा:
पिछले तीन दिनों से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा दिल्ली में ही है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से कई दौर की मुलाकात हुई है। सूत्रों के अनुसार 6 जुलाई को होने वाली बैठक में सचिन पायलट भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही 20 अन्य प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। डोटासरा और रंधावा का लगातार दिल्ली में रहना यह बताता है कि कांग्रेस में जल्द ही महत्वपूर्ण निर्णय होंगे।