गोंडा । यौन उत्पीड़न के आरोपों और शीर्ष पहलवानों के एक वर्ग के विरोध का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने उनके खिलाफ साजिश रची है। सिंह ने साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव की यह कहते हुए प्रशंसा की कि उन्होंने आंदोलनकारियों का समर्थन नहीं किया है। बूजभूषण सिंह, जो एक भाजपा सांसद भी हैं, ने आरोप लगाया कि टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी उनके खिलाफ साजिश में शामिल थे। पहलवानों ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के साथ-साथ भारतीय कुश्ती महासंघ से बाहर करने की मांग की है। कांग्रेस और आप सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने पहलवानों को अपना समर्थन दिया है।
उधर, बृजभूषण सिंह ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा है कि अगर वे इल्जामों के साथ अपना पद छोड़ते हैं तो ऐसा मान लिया जाएगा कि वो दोषी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे मेरे इस्तीफे के बाद वापस जाते हैं और शांति से सोते हैं, तो मैं ऐसा करने के लिए तैयार हूं।” बिश्नोहरपुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने आरोप लगाया कि ”यह पूरी साजिश कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा और पहलवान बजरंग पूनिया ने रची थी। इसे साबित करने के लिए हमारे पास एक ऑडियो (क्लिप) है। मैंने उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है।”
अखिलेश को धन्यवाद
राजनीतिक नेताओं के दिल्ली के जंतर मंतर में पहलवानों के प्रदर्शन स्थल पर जाने के बारे में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा, ”लड़ाई अब खिलाड़ियों के हाथ से निकल गई है। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने यहां पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘मैं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव (प्रदर्शनकारी पहलवानों का पक्ष नहीं लेने के लिए) को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं उन्हें बचपन से जानता हूं। मैं उनसे बड़ा हूं। हालांकि मामला राजनीतिक हैं तो हमारे बीच मतभेद हैं, पर अखिलेश सच जानते हैं।”
सच्चाई जानते हैं अखिलेश
उन्होंने कहा, “अगर उत्तर प्रदेश में 10,000 पहलवान हैं, तो उनमें से 8,000 यादव समुदाय से हैं और समाजवादी परिवार से हैं। इसलिए वे सच्चाई जानते हैं।” उधर, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दो प्राथमिकी दर्ज की। जहां पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित थी और पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी, वहीं दूसरी शील भंग करने से संबंधित थी। कैसरगंज के भाजपा सांसद ने कहा कि प्रदर्शनकारी विपक्ष के हाथों का “खिलौना” मात्र हैं। सिंह ने कहा, “ये सभी खिलाड़ी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के हाथों का खिलौना बन गए हैं। उनका मकसद राजनीतिक है न कि मेरा इस्तीफा।”
पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ नारेबाजी
डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने हैरानी जताई कि रेलवे बोर्ड रेलवे से जुड़े पहलवानों को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठने से क्यों नहीं रोक रहा है। उन्होंने कहा, “विरोध करना उनका अधिकार है। लेकिन, क्या रेलवे से जुड़ा कोई खिलाड़ी इस तरह के धरने पर बैठ सकता है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे हैं।”
एक सवाल के जवाब में भाजपा सांसद ने कहा, ‘पार्टी को इसमें न घसीटा जाए। ये आरोप मुझ पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के तौर पर लगाए गए हैं न कि भाजपा सांसद के तौर पर।’ “मुझे अपनी बेगुनाही साबित करनी है … अगर पार्टी मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहती है, तो मैं तुरंत ऐसा करूंगा।”