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साध्वी अनादि की उम्मीदवारी के खिलाफ अजमेर उत्तर में कांग्रेसी एकजुट

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एस पी मित्तल अजमेर 

भाजपा में हिंदुत्व का चेहरा रही साध्वी अनादि सरस्वती ने 2 नवंबर को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ली। जिस उच्च स्तर पर साध्वी को कांग्रेस में शामिल किया गया, उससे यह चर्चा रही कि अब अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से साध्वी अनादि की कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। सदस्यता लेने के बाद जब एक पत्रकार ने सीएम गहलोत से साध्वी की उम्मीदवारी पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कुछ काम मेरे लिए भी छोड़ देना चाहिए। कौन उम्मीदवार होगा यह पार्टी का आंतरिक मामला है। जिस अंदाज में सीएम ने जवाब दिया उससे भी प्रतीत होता है कि साध्वी को ही उम्मीदवार बनाए जाने का निर्णय हुआ है। लेकिन इसके साथ ही अजमेर में साध्वी अनादि की उम्मीदवारी का विरोध शुरू हो गया। अजमेर में कांग्रेस सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गुटों में बंटी हुई है। लेकिन साध्वी के विरोध में दोनों ही गुट एकजुट हो गए हैं। गहलोत गुट का नेतृत्व आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ कर रहे हैं, राठौड़ भी अजमेर उत्तर से मजबूत दावेदार हैं, इसलिए 2 नवंबर को ही राठौड़ के समर्थकों ने एक बैठक की और साध्वी की उम्मीदवारी का खुला विरोध किया।

ब्लॉक शैलेंद्र अग्रवाल ने धमकी दी कि यदि साध्वी को उम्मीदवार बनाया गया तो कांग्रेस के अनेक पदाधिकारी त्यागपत्र दे देंगे। इस बैठक में धर्मेन्द्र राठौड़ को ही उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की गई। अजमेर उत्तर से ही शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन भी दावेदार है। जैन पायलट के समर्थक हैं। जैन ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि साध्वी की उम्मीदवारी से कांग्रेस को भारी नुकसान होगा। साध्वी ने भाजपा में रहते हुए कांग्रेस और समुदाय विशेष की आलोचना की है। यदि साध्वी के पुराने वीडियो का उपयोग चुनाव होता है तो फिर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा। जैन के समर्थकों ने भी जैन को ही उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है। समर्थकों का कहना है कि भाजपा के घोषित उम्मीदवार वासुदेव देवनानी के विरोध में भाजपा पार्षद ज्ञान सारस्वत के निर्दलीय चुनाव लडऩे से अजमेर उत्तर में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो गई है। ऐसे में यदि वैश्य समुदाय से जुड़े विजय जैन को उम्मीदवार बनाया जाता है तो कांग्रेस की जीत तय है। शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए भी जैन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट किया है। यहां उल्लेखनीय है कि साध्वी की उम्मीदवारी का मुस्लिम समुदाय भी खुला विरोध कर रहा है। कांग्रेस और मुसलमानों के विरोध को देखते हुए ही प्रतीत होता है कि अब उच्च स्तर पर साध्वी की उम्मीदवारी को लेकर पुनर्विचार किया जा रहा है। यह बात अलग है कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले साध्वी को उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा मुख्यमंत्री के स्तर पर दिया गया था। उम्मीदवारी की आस में ही साध्वी ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली थी। यदि साध्वी को टिकट नहीं मिलता है तो फिर साध्वी का कांग्रेस में रहने का कोई फायदा नहीं है।

हेमंत भाटी करेंगे नामांकन:

अजमेर दक्षिण क्षेत्र से कांग्रेस ने द्रौपदी कोली को उम्मीदवार घोषित किया है। कोली की उम्मीदवारी का पूर्व प्रत्याशी हेमंत भाटी ने खुला विरोध किया है। भाटी पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के समर्थक हैं। भाटी का कहना है कि द्रौपदी कोली भाजपा का मुकाबला करने में असमर्थ है। कोली की उम्मीदवारी के विरोध में ही हेमंत भाटी 4 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। हेमंत को उम्मीद है कि कांग्रेस पुनर्विचार कर उन्हें ही उम्मीदवार घोषित करेंगे। यदि उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया जाता है तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। हेमंत भाटी की उम्मीदवारी से कांग्रेस को भारी नुकसान होगा। द्रौपदी कोली के समर्थन में अभी तक भी कांग्रेस का एक भी वरिष्ठ नेता सामने नहीं आया है। द्रौपदी कोली को नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल का नेता भी बना रखा है, लेकिन अधिकांश पार्षद कोली को अपना नेता नहीं मानते हैं। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा गया है।

नसीराबाद में भी विरोध:

अजमेर जिले के नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार शिव प्रकाश गुर्जर का खुला विरोध हो रहा है। नसीराबाद शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद हुसैन खान ने कहा कि शिव गुर्जर को कांग्रेस के कार्यकर्ता ही नहीं जानते हैं। शिव गुर्जर की उम्मीदवारी के विरोध में रामनारायण गुर्जर और महेंद्र सिंह गुर्जर भी एकजुट हो गए हैं। अब तक दोनों नेता अलग अलग टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन जब कांग्रेस हाईकमान ने इन पुराने नेताओं को दरकिनार कर 35 वर्षीय शिव गुर्जर को उम्मीदवार बना दिया, तो पुराने नेता एकजुट हो गए है। स्वर्गीय गोविंद सिंह गुर्जर के परिवार से जुड़े इन दोनों नेताओं ने धमकी दी है कि यदि उम्मीदवार में बदलाव नहीं किया गया तो नसीराबाद में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा। 

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