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बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान, इन्हें पद्मविभूषण और भारत रत्न देना पड़ेगा: संजय राउत

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शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान बताया है। राउत ने कहा, “बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, यूपी उनका राज्य था फिर भी अखिलेश यादव की सीटें बढ़ गई है। बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान है इन सबको पद्मविभूषण और भारत रत्न देना पड़ेगा। हम लोग खुश हैं, हार-जीत होती रहती है। आपकी खुशी में हम भी शामिल हैं।”

संजय राउत ने पंजाब में भाजपा की हार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “आप हमें बार-बार बोलते हो कि शिवसेना को यूपी में कितनी सीटें मिलीं? यूपी में कांग्रेस और शिवसेना की जो हार हुई है उससे बुरा हाल आपका पंजाब में हुआ है। इस बारे में आप थोड़ा देश को मार्गदर्शन दीजिए। चिंता का विषय ये हैं कि पंजाब में बीजेपी जो एक राष्ट्रीय पार्टी है उसे पंजाब की जनता ने पूरी तरह से नकारा है। पीएम मोदी, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने वहां जमकर प्रचार किया फिर भी बीजेपी क्यों हार गई?”

राउत ने पूछा- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चुनाव क्यों हार गए?
संजय राउत ने कहा, “बीजेपी 4 राज्यों में जीती है। हमें परेशान होने की कोई बात नहीं है, हम आपकी खुशी का हिस्सा हैं। भाजपा नेता ये बताएं कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चुनाव क्यों हार गए? गोवा में तो 2 उपमुख्यमंत्री हारे गए। सबसे अधिक चिंता का विषय पंजाब है, जहां भाजपा जैसी राष्ट्रवादी पार्टी को पूरी तरह खारिज कर दिया गया है।”

मायावती-AIMIM पर हकीकत से परे है राउत का बयान, जानें- कितना डाला असर
संजय राउत ने भले ही भाजपा पर यह चुनावी हमला किया हो, लेकिन राजनीतिक जानकार उनके आरोप को पूरी तरह सही नहीं मानते हैं। इसकी वजह ये है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कमजोर होने का फायदा केवल बीजेपी को ही नहीं मिला है। लंबे समय तक बसपा का वोटबैंक रहा दलित समाज कई विधानसभा सीटों पर सपा उम्मीदवारों को समर्थन करता नजर आया है। ऐसे दलित मतदाता जिनकी रोजी-रोटी पर कोरोना-लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा, उनमें भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी देखी गई। इन मतदाताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश को सीएम योगी आदित्यनाथ के विकल्प के तौर पर देखा।

जहां तक बात AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की है, वो बिहार जैसा कारनामा यूपी में बिलकुल नहीं कर पाए। AIMIM को आधी फीसदी (0.49%) भी वोट भी नहीं मिले हैं। जानकारों का मानना है कि मुस्लिम वोट सपा की तरफ एकमुश्त गए हैं। मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कई सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। यूपी के मुसलमान मतदाताओं ने ओवैसी को सर्वसम्मति से अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है।

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