कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है और अब महामारी भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को अपनी चपेट में लेने लगा है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से रेलवे के 1,952 कर्मचारी अब तक जान गंवा चुके हैं और रोजाना करीब 1,000 कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है और हम भी कोविड के मामले झेल रहे हैं। हम परिवहन का काम करते हैं और सामान व लोगों को लाते और ले जाते हैं। रोजाना करीब 1000 (कोविड) मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अपने अस्पताल हैं…हमने बेड की संख्या बढ़ाई है, रेल अस्पातलों में ऑक्सीजन प्लांट बनाए हैं।
शर्मा ने कहा कि हम अपने कर्मचारियों का ध्यान रखते हैं। फिलहाल 4,000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह है कि वो जल्दी ठीक हों। पिछले साल मार्च से कल तक 1952 रेल कर्मियों की कोविड-19 महामारी से जान जा चुकी है। बता दें कि रेलवे न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसमें 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं।
ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन नाम के एक रेलकर्मियों के फेडरेशन ने कुछ दिनों पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना वायरस संकट के दौरान काम करते हुए जान गंवाने वाले रेलकर्मियों के परिजनों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह ही मुआवजा दिया जाए। उन्होंने पत्र में कहा कि जैसा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए घोषणा की गई है, ये कर्मी भी 50 लाख रुपये के मुआवजे के हकदार हैं, न कि 25 लाख रुपये के जो उन्हें अभी दिया जा रहा है।