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पार्षद कालरा-जीतू यादव विवाद: ये है सत्ता की हनक का नंगा नाच…

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. हफ्ते भर बाद सांसद और महापौर की नींद खुली…

राजेश ज्वेल

जनप्रतिनिधियों का चुनाव जब योग्यता/ प्रतिभा के इतर हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, जाति-धर्म या पट्ठेबाजी से होता रहेगा, तब इंदौर जैसी घिनौनी और शर्मनाक हरकतें भी सामने आती रहेगी…यह तो खैर मनाइए कि सत्तारुढ़ पार्टी के पार्षदों का विवाद था… अगर किसी सामान्य के साथ ये घटना घटती तो सुई पटक सन्नाटा रहता , हालांकि आए दिन ऐसी घटनाएं होती भी है…

भाजपा पार्षद कालरा के घर घुसकर उनके बेटे को निर्वस्त्र करने की घटना का हल्ला दिल्ली दरबार तक पहुंचा… इंदौर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना की निंदा के साथ कड़ी कार्रवाई की बात कही तब मामले को दबाने-छुपाने वाले कुछ मुखर हुए … हफ्ते भर बाद सांसद और महापौर की नींद खुली… सांसद ने ट्विट किया तो महापौर को अपने पार्षद की मिजाजपुर्सी के लिए उनके घर पहुंचने में हफ्ता भर लग गया ,अन्यथा महापौर ने भी काबिना मंत्री और उनके सिपहसालार विधायक के दबाव में चुप्पी साथ रखी थी… उधर शर्मनाक घटना के केंद्र बिंदु महापौर परिषद् सदस्य जीतू यादव को बचाने के प्रयास चलते रहे और तथाकथित सिंघम पुलिस भी मौनी बाबा बनी रही जो मुख्यमंत्री का इशारा मिलने पर एक्शन में आई..

रातों रात आधा दर्जन गुंडों की गिरफ्तारी हुई… हालांकि असली दोषियों पर कार्रवाई शेष है… सोशल मीडिया के जरिए पार्षद बेटे को निर्वस्त्र करने और माँ-दादी के गिड़गिड़ाने का जो वीडियो आम जनता तक पहुंचा, उसने सिहरन पैदा कर दी और ये ख़ौफ व्याप्त हुआ कि इंदौर जैसे शहर में दिन-दहाड़े सत्तापक्ष से जुड़े नेता के परिवार के साथ जब इस तरह की गुंडागर्दी फिल्मी या बिहार-यूपी स्टाइल पर हो सकती है तो किसी अन्य शहर या गांव में क्या होता होगा..दरअसल इसके पीछे वह चुनावी व्यवस्था भी जिम्मेदार है, जो पिछले कुछ सालों में तेजी से पनपी… भाजपा का टिकट जीत की गारंटी माना जाने लगा और यही कारण है कि कई महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे चेहरे चुनकर आने लगे जो समाज में अवांछित होना चाहिए…

हिंदू खतरे में है.. जैसे नारे बुलंद कर गली-मोहल्ले से लेकर संसद तक के चुनाव जीते जाने लगे और इस भेड़चाल में कई ऐसे तत्व जनप्रतिनिधि बन बैठे, जिनकी ऑडियो क्लिपिंग सुनने और वीडियो देखने पर सत्ता की हनक का नंगा नाच साफ दिखता है … अब लाख सफाई दी जाए कि ऑडियो-वीडियो फेक हैं और मेरा कोई लेना-देना नहीं… मगर सच्चाई जगजाहिर हो गई… बहरहाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को साधुवाद , जिन्होंने देरी से ही सही मगर उचित कदम उठाया… अब बारी भाजपा संगठन की है कि वो कब ऐसे तत्वों से मुक्ति की हिम्मत दिखाएगा… इस घिनौनी हरकत से एक और महत्वपूर्ण बात समझने वाली ये भी है कि हिन्दू को हिंदू से भी कम खतरा नहीं है… जय श्री राम @

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