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कोर्ट ने पूछताछ के लिए ईडी को दी संजय  सिंह की 5 दिन की रिमांड

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प्राची यादव 

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी(AAP) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह 10 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की हिरासत में रहेंगे। उन्हें दिल्ली की विवादित आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा कि यह मोदी जी का अन्याय है। वह चुनाव हार जाएंगे, वह आगामी लोकसभा चुनाव हार रहे हैं। अदालत के सामने पेशी के वक्त उनके पिता दिनेश कुमार सिंह भी अदालत में मौजूद थे। हालांकि, इस दौरान इनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

अदालत ने ईडी से भी पूछे कई सवाल
स्पेशल जज एम. के. नागपाल ने ईडी को आप नेता की पांच दिन की रिमांड दी। उन्हें 3:45 बजे के आसपास कोर्ट में पेश किया गया था। ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूर नवीन माटा ने अर्जी देते हुए अदालत से 10 दिनों की रिमांड मांगी और कहा कि कागजों में 10 दिनों की रिमांड मांगी गई है, पर अदालत चाहे तो सात दिन की दे सकती है। जज ने अर्जी पर विचार करने के बाद जांच एजेंसी से कुछ सवाल किए। जवाब में ईडी ने कहा कि मामले में कुल तीन करोड़ का लेनदेन है। संजय सिंह के कर्मचारी सर्वेश मिश्र ने लेनदेन की बात मानी है। दिनेश अरोड़ा, जो अब सरकारी गवाह बन चुके हैं, उन्होंने फोन पर सिंह से 2 करोड़ मिलने की बात कन्फर्म की थी। तीन और लोग हैं, जिनकी जांच की जांच की जानी है और उनका सामना सिंह से कराना है। कुछ डिजिटल चीजें हैं, जिनके बारे में सिंह से पूछताछ करनी है और उनका सामना कराना है। इस पर जज ने कहा कि डिजिटल चीजों का सामना कराने के लिए हिरासत देना जरूरी नहीं है। यह तो ऐसे भी हो सकता है।

आप नेता के वकील की दलील
सिंह की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर ने रिमांड की मांग का विरोध किया। दलील दी कि दिनेश अरोड़ा के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, जो पहले आरोपी था और अब सीबीआई का गवाह बन चुका है। अरोड़ा कई बार अपने बयान बदल चुका है। जांच एजेंसी कहती है कि वह पूछताछ कर रही है, तो पूछताछ में गिरफ्तारी कहां होती है। आपका (ईडी का) कहना है कि मेरे घर पर दो करोड़ का लेनदेन हुआ और दो मुश्तों में। इससे जुड़ा आपके पास नया दस्तावेज क्या है? ऐसा नहीं होता है कि आप बयान जेब में रखे रहेंगे और जब मन करेगा, उसे बाहर निकाल लेंगे। आप सर्वेश मिश्र की बात कर रहे हैं, उसका बयान सबसे पहले दर्ज होना चाहिए था। उसका बयान कहां है? सामना कराने की जहां तक बात है तो हाई कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक कन्फ्रन्टेशन के लिए कस्टडी की ज़रूरत नहीं होती है।

कोर्ट में क्या कहा सिंह ने?
वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सांसद को भी अपनी बात रखने का मौका दिया। सिंह ने जज से कहा, ‘अमित अरोड़ा (डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक) ने 10 बयान दिए, लेकिन उसे संजय सिंह याद नहीं आया। फिर दिनेश अरोड़ा ने ईडी के पास कई बार बयान दिए, उसको संजय सिंह याद नहीं आया। अचानक इन्होंने(ईडी) क्या किया, आप (जज) बेहतर समझ सकते हैं। इन्होंने क्या किया कि उसमें सारे बयान मेरे खिलाफ आ गए। मैं आपसे हाथ जोड़ कर अनुरोध कर रहा हूं कि इनके आरोपों में अगर एक भी सच्चाई है, तो मुझे सख्त से सख्त सजा दी जाए। मुझे एक बार भी समन नहीं किया गया। एक बार भी पूछताछ के लिए बुलाया नहीं गया। मेरे लिए अलग कानून! विजय सिंह का अजय सिंह हो सकता है। इन्होंने चार्जशीट में राहुल सिंह का संजय सिंह कर दिया! आप न्याय की कुर्सी पर हैं। मैं आपसे इतना ही अनुरोध कर सकता हूं।

संजय सिंह को जब अदालत में पेश किया गया, तो उस वक्त उनके पिता दिनेश कुमार सिंह भी मौजूद थे। रिमांड अर्जी पर आदेश सुरक्षित होने के बाद जज अपने रूम में चले गए और सिंह वहां बैठ गए। इस बीच उन्होंने वकीलों के साथ समर्थकों का भी अभिवादन लिया, लेकिन बाप-बेटे के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

ईडी का दावा, हमारे पास पर्याप्त सबूत
ईडी के मुताबिक, उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि दिल्ली आबकारी नीति लागू होने से पहले ही लीक हो गई थी। इसके भी सबूत मिले हैं कि साउथ की शराब लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए आप नेताओं को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये अग्रिम रिश्वत के तौर पर दिए गए थे।

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