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बसंतप्रतापसिंह को राज्य निर्वाचन आयुक्त पद से बर्खास्त करो ; सीपीएम

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 मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मानती है कि मध्यप्रदेश में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में हुयी अराजकता, अव्यवस्था, मतदाता सूचियों की विराट पैमाने पर गड़बड़ियों, खुलेआम निर्वाचन प्रक्रिया के हर चरण में सत्ता पार्टी, उसके मंत्रियों और नेताओं की हस्तक्षेपकारी भूमिका से कराई गयी बेईमानी, मतों की लूट, गिनती में धांधली, परिणामों की अदला बदली, निर्वाचित प्रतिनिधियों के अपहरण और उनकी सरेआम  खरीद फरोख्त ने  लोकतंत्र को मखौल बनाकर रखा दिया  है।  

 इस तरह की फूहड़ता और इतनी निर्लज्जता के साथ धांधली तो दुनिया के उन देशों में भी नहीं होती जहां क़ानून व्यवस्था का राज नहीं है, जिन्हे बनाना रिपब्लिक कहा जाता है। इन चुनावों ने अपना प्रतिनिधि चुनने के जनता के अधिकार का ही हरण कर लिया है, पूरे चुनाव को ही हास्यास्पद बनाकर रख दिया है।

 तानाशाही के लिए कुख्यात देशों में भी वहां का  निर्वाचन आयोग इतना अकर्मण्य और सत्ता पार्टी का इतना ज्यादा कठपुतली नहीं होता जितना मध्य प्रदेश का राज्य निर्वाचन आयोग हुआ है ।  

  सीपीएम राज्य निर्वाचन आयुक्त पद पर बैठे रिटायर्ड आईएएस बसंत प्रताप सिंह को अविलम्ब बर्खास्त करने की मांग करती है।  

  इन्हे बर्खास्त करने के बाद इनके पूरे कार्यकाल के घपलों और हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में इनके आचरण की हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जाए। 

  नए निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के पालन के साथ उसकी स्वामिभक्ति की जगह कार्यक्षमता और योग्यता को आधार बनाया जाए। 

(माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह Jaswinder Singh द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य)

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