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लाखों के क्रेडिट कार्ड फ्रॉड की इंदौर में जांच , वडोदरा साइबर सेल की नेहरू नगर में दबिश

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इंदौर। लाखों के क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के मामले में वडोदरा पुलिस की टीम इंदौर आई। दो आरोपियों की तलाश में टीम ने नेहरू नगर में दबिश दी और स्थानीय पुलिस की मदद से छापे मारे।

साइबर क्राइम सिटी वडोदरा ) के निरीक्षक केसी राठौर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने नेहरू नगर रोड नंबर 8 पर रहने वाले शिवांश दुबे के यहां दबिश दी। बताया जा रहा है कि शिवांश ने करोड़ों की धोखाधड़ी की थी और पिछले डेढ़ साल से फरार है। इसके पूर्व भी वह धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा जा चुका है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सूरज चंदानी निवासी नेहरू नगर ( Nehar Nagar) ने वर्षों पूर्व फर्जी एडवाइजरी कंपनी खोली थी, जिसमें शिवांश दुबे बतौर मैनेजर के पद पर कार्यरत था और वहां रहते हुए उसने करोड़ों की धोखाधड़ी की थी। कल पुलिस ने सोमनाथ की जूनी चाल में रहने वाले शिवांश के साथी विनोद पिता जगन्नाथ के घर भी दबिश दी। वह भी फर्जीवाड़े में शामिल है। उसके खाते से भी करोड़ों का ट्रांजेक्शन हुआ था। एमआईजी थाने के प्रभारी टीआई सुरेंद्रसिंह ने बताया कि कल वडोदरा साइबर सेल की टीम आई थी और उसने स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों स्थानों पर दबिश दी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। आरोपियों के परिवारवालों ने बताया कि वह पिछले दो-तीन साल से फरार हैं। इसके पूर्व भी राजस्थान पुलिस की एक टीम गत दिवस इनकी तलाश में आई थी।

नई नौकरी लगी है, ओटीपी बता दो, नौकरी चली जाएगी
अंकल मेरी नई नौकरी लगी है, गलती से मैंने पुराना नंबर दे दिया है, जो अब आपके पास है। ओटीपी बता दो, वरना मेरी नौकरी चली जाएगी। कई लोग रोती हुई युवती के झांसे में आ जाते हैं और ओटीपी नंबर बता देते हैं। नंबर बताते ही खाता खाली हो जाता है। इस तरह की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही हैं।
इस तरह का फोन देशभर में कई लोगों को आ रहा है। कई इसका शिकार हो रहे हैं तो कुछ समझदार बच जाते हैं। इस तरह के फोन करने वाली युवती दो-तीन प्रकार की बात करती है। कभी कहती है कि पुराना नंबर डाल दिया है, जो अब आपके पास है। कभी कहती है कि एक अंक गलत डाल दिया है। कभी कहती है कि लिखावट में गलती हो गई है और ओटीपी मांगती है। इसका शिकार कई लोग हो चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ अन्य राज्यों की पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है कि इस तरह का फोन आए तो ओटीपी न बताएं, वरना ठगी का शिकार हो जाएंगे। बताते हैं कि इंदौर में भी लॉकडाउन के बाद से इस तरह की कुछ शिकायतें क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के पास पहुंची हैं। दो मामलों में लोग ठगी का शिकार हुए हैं। हालांकि बड़ी राशि खाते में न होने से मामला जांच में ही पड़ा हुआ है, लेकिन अब युवतियां इस तरह से लोगों को ठगने की कोशिश कर रही हैं। युवती होने से वह लोगों को भरोसे में ले लेती हैं और कुछ शिकार भी हो जाते हैं।

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