इंदौर
इंदौर में 4 साल के बच्चे की गड्ढे में गिरने से मौत के मामले में 22 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। घटना के बाद दबाव में एलएंडटी कंपनी के दो लोगों के खिलाफ केस तो दर्ज हो गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। पीड़ित माता-पिता ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी। मगर पुलिस की जांच कागजों में उलझ कर रह गई है। पुलिस के द्वारा जांच अटकने के पीछे नगर निगम और एलएंडटी कंपनी की तरफ से दस्तावेज नहीं मिलने का कारण बताया गया है। साथ ही अधिकारियों ने जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही है। जानिए सिलसिलेवार क्या है पूरा मामला और पुलिस की जांच अभी कहां तक पहुंची हैं।
अपनी मां के साथ चार साल का वंश।
पहले जान लीजिए मामला क्या है
घटना 24 जून को आजाद नगर क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 54 इदरीस नगर की है। शाम को 4 साल का वंश पिता विजय पांडे घर के पास अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। नर्मदा लाइन डालने का काम कर रही एलएंडटी कंपनी ने वाल्व चैंबर बनाने के लिए चार फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा खोदा था। तेज बारिश से गड्ढे में पानी भर गया। घर के आसपास वंश नहीं दिखा तो मां उसे देखने के लिए बाहर आई। सामने गली की तरफ से खेल रहे बच्चों से वंश के बारे में पूछा, पहले तो किसी ने कुछ नहीं बताया।
बाद में दोबारा पूछने पर उन्होंने वंश के गड्ढे में गिरने की बात कही। बच्चे डर गए थे और वंश के गड्ढे में गिरने के बाद इधर-उधर हो गए थे। मां के कहने पर पास खड़े एक व्यक्ति ने गड्ढे में उतर कर देखा तो वंश पानी में डूबा था, उसे बाहर निकाला लेकिन वो होश में नहीं था। मां उसे अस्पताल लेकर दौड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता विजय कैटरिंग का कार्य करते हैं। घटना के समय वे ड्यूटी पर गए हुए थे।
घटना के बाद जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया था। परिजनों से मुलाकात की थी और परिजनों को आश्वस्त किया था कि आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी लेकिन मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है। हादसे के बाद शहर के गड्ढों की पड़ताल अधिकारियों ने की। सड़क पर उतर कर नगर निगम आयुक्त ने दौरा किया। अफसरों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
कंपनी की लापरवाही से खुला वो गड्ढा जिसमें गिरकर बच्चे की मौत हो गई।
दो पर केस दर्ज कर पुलिस कर रही जांच
वहीं घटना के बाद मामले में आजाद नगर पुलिस ने मर्ग जांच में पाया था कि एलएंडटी कंपनी के साइट इंजीनियर नीलेश सुमन, कंपनी के प्रभारी वेट्रीवेल टी के द्वारा चेंबर का गड्ढा खोदने के बाद उसके आसपास कोई बैरिकेडिंग नहीं की गई तथा सुरक्षा उपायों का कोई प्रबंध नहीं करते हुए लापरवाही पूर्वक गड्ढे को खुला छोड़ दिया। जिससे बच्चे की मृत्यु हो गई।
इस पर मामले में आरोपी साइट इंजीनियर निलेश सुमन और कंपनी के प्रभारी वेट्रीवेल टी के खिलाफ धारा 304-ए, 34 में पुलिस ने केस दर्ज किया था लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई, जिससे आरोपियों को फरार होने का पूरा मौका मिल गया।
ये बोले टीआई
मामले में आजाद नगर थाना प्रभारी इंद्रेश त्रिपाठी का कहना है कि वो लोग साइट से गायब हो गए हैं। पत्राचार किया गया है। पता कर रहे हैं कि ये लोग कहां पर हैं। कुछ पेपर हमें अभी नहीं मिल पाए हैं। किस कंपनी के पास काम था। वर्क ऑर्डर से संबंधित दस्तावेज अप्राप्त हैं। कुछ पेपर नगर निगम से लेना है, कुछ एलएंडटी कंपनी से लेना है। बाद में ये बात निकलकर आई थी कि काम एलएंडटी ने किसी को दे रखा था। एलएंडटी वालों से भी पेपर ले रहे हैं। बीच में इनका काम बंद था। अभी आरोपी फरार हैं। शीघ्र गिरफ्तारी कर कार्रवाई करेंगे।
मां का दर्द – गड्ढे को भर देते तो मेरा बाबू उसमें नहीं गिरता, जिसने भी गड्ढा किया उसको गड्ढा बंद करना था
‘बाबू चाय से बिस्किट खाकर बाहर बच्चों के साथ खेलने गया था। रोज तो घर के पास ही खेलता है, लेकिन उस दिन थोड़ा आगे गली में बच्चों के साथ चला गया। मैंने घर के आसपास देखा तो वो नहीं दिखा। फिर मैं उसे देखने और आगे गई। खेल रहे बच्चों से पूछा कि मेरा बाबू कहां है। फिर उन्होंने बताया कि वो गड्ढे में गिर गया है।
वहां एक भैया खड़े थे तो मैंने उनसे पूछा कि देखो कि बच्चे झूठ तो नहीं बोल रहे? तब उन्होंने गड्ढे में झांक कर देखा। कुछ दिखा तो वे गड्ढे में उतर गए। वहां से उन्होंने मेरे बाबू को निकाला। मुझे कुछ समझ नहीं आया और बेसुध हो गई। अब मुझे बाबू की सारी बात याद आती है। गड्ढे को भर देते तो मेरा बाबू उसमें नहीं गिरता। जिसने भी गड्ढा किया उसको गड्ढा बंद करना था। उनको सजा होना चाहिए, जिससे डबल से वो ऐसा नहीं करें। किसी ओर के साथ ऐसा नहीं हो।’