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दिल्ली लैब टेस्ट घोटाला:मामले की होगी CBI जांच:क्या मोहल्ला क्लीनिक से बढ़ेगी आप की आफत?

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शराब घोटाले में पहले ही पार्टी के कई नेता जेल में हैं। अब दिल्ली सरकार द्वारा संचालित मोहल्ला क्लीनिक के चलते भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक में कथित फर्जी लैब टेस्ट को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने इसे मंजूर कर दिया।

दिल्ली में चल रही मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी लैब टेस्ट के आरोप लगे हैं। दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना द्वारा कराई गई एक समीक्षा की रिपोर्ट के जरिए दावा किया गया कि काल्पनिक मरीजों के पंजीकरण और बाद में उनके लैब टेस्ट किए गए। इसके लिए फर्जी मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया था।

अनियमितताओं के आरोप के बीच सियासी लड़ाई भी शुरू हो चुकी है। जहां आप ने सीबीआई की जांच को भाजपा की साजिश करार दिया, वहीं भाजपा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल का काला चेहरा उजागर हो गया है। आखिर दिल्ली में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक क्या हैं? ये काम कैसे करते हैं? मोहल्ला क्लीनिक पर क्यों लग रहा घोटाले का आरोप? भाजपा का क्या दावा है? आप का क्या कहना है? एजेंसियों ने अब तक क्या कार्रवाई की? एलजी की तरफ से इस मामले में क्या हुआ? आइये जानते हैं…

पहले जानते हैं कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के बारे में
राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक एक तरह के स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र हैं। आप सरकार का कहना है कि दशकों से विभिन्न सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं की घोर अनदेखी की। उन्होंने बहुत कम चिकित्सालय बनाए और वो भी आम आदमी से दूर। इसको देखते हुए अब आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में चारों ओर 300 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं।  

मोहल्ला क्लीनिक की वेबसाइट कहती है कि स्वराज और मोहल्ला सभा जैसे विचारों से इसकी परिकल्पना की गई थी। 2014 से अब तक मोहल्ला क्लीनिक का आंकड़ा शून्य से 300 पार पहुंच गया है। इसकी शुरुआत अरविंद केजरीवाल के दूसरे कार्यकाल में आने के बाद हुई।

मोहल्ला क्लीनिक काम कैसे करती हैं? 
अगर आप या आपके परिवार में कोई बीमार पड़ता है तो एक सरकारी क्लीनिक आपके आवास के एक किलोमीटर के दायरे में मिल जाएगी। मौजूदा समय में इन क्लीनिकों में  110 तरह की जांच और 212 दवाइयां मरीज को परामर्श के हिसाब से नि:शुल्क दी जाती हैं।

मोहल्ला क्लीनिक में क्यों लग रहा घोटाले का आरोप?
दिल्ली में चल रही इन्ही मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी लैब परीक्षण के आरोप लगे हैं। इन अनियमितताओं के आरोप के पहले दिल्ली सरकार के अस्पतालों में नकली दवाओं की आपूर्ति के भी आरोप लग चुके हैं।  
इस संबंध में भाजपा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में गुमनाम मरीजों (घोस्ट पेशेंट) पर नकली लैब परीक्षण किया जा रहा है। लाखों फर्जी परीक्षणों के बदले दो निजी प्रयोगशालाओं एगिलस डायग्नोस्टिक्स और मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर को भुगतान किया गया, जिससे करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ।

घोटाले का खुलासा कैसे हुआ? 
दरअसल, एलजी द्वारा जारी किए जांच आदेश में दावा किया गया कि अगस्त 2023 में दिल्ली में सात मोहल्ला क्लीनिकों के कुछ डॉक्टरों और कर्मचारियों द्वारा पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करने की घटनाएं सामने आईं। ये मोहल्ला क्लीनिक दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, शाहदरा और उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिलों में स्थित हैं।

एक और बात सामने आई कि इन मोहल्ला क्लीनिकों में मरीजों को डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी में ऐसे कर्मचारी दवाएं वितरित करते थे जो अधिकृत ही नहीं थे। इससे मरीजों का जीवन खतरे में पड़ने की बात कही गई।

सितंबर 2023 में इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें पैनल से हटा दिया गया, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। इसके बाद एलजी के आदेश पर दोनों प्राइवेट लैब एगिलस डायग्नोस्टिक्स और मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर से मिले तीन महीनों के डेटा की समीक्षा की गई। सैंपल लैब टेस्ट डेटा जुलाई से सितंबर 2023 के बीच का था। 

टेस्ट में अनियमितता कैसे हुई ?
समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि मरीजों के पंजीकरण और बाद में उन पर किए गए लैब टेस्ट के लिए नकली या ऐसे मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया जो थे ही नहीं। साथ ही मोबाइल नंबरों का भी दोहराव हुआ। समीक्षा रिपोर्ट के निष्कर्ष में दावा किया गया कि 11,657 मरीज ऐसे दिखाए गए जिनके मोबाइल नंबर वाले स्थान पर केवल 0 अंक दर्ज किया गया। 

8,251 रोगी ऐसे मिले जिनके मोबाइल नंबर खाली मिले यानी उनका कोई नंबर ही नहीं था। कुछ मरीजों का मोबाइल नंबर 9999999999 दर्शाया गया और इनकी संख्या 3,092 बताई गई। 1,2,3,4,5 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर 400 दिखाए गए जो भारत में होते ही नहीं। 999 मरीज ऐसे दर्ज थे जिनके मोबाइल नंबर 15 बार या अधिक बार दोहराए गए। इसके बाद 4 जनवरी 2024 को एलजी सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। शुक्रवार 5 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोहल्ला क्लीनिक में कथित फर्जी लैब टेस्ट मामले में सीबीआई जांच की अनुमति दे दी।

मामले में दिल्ली सरकार का क्या रुख है?
सीबीआई जांच के आदेश के बीच दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया सामने आई है। मंत्री ने पूछा कि भाजपा अपनी सीबीआई जांच से क्या साजिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘इस जांच का उद्देश्य गरीबों का इलाज रोकना है। ये चाहते हैं सीबीआई जांच से अफसर डर जाएं, फाइल ना बढ़ाएं, ना दवाइयां आएं, ना टेस्ट हों, ना डॉक्टरों की तनख्वाह जाए।’

आतिशी ने कहा कि भाजपा दिल्ली में इसलिए चुनाव नहीं जीत पाती है, क्योंकि उसने दिल्लीवालों के लिए एक भी काम नहीं किया। भाजपा आम आदमी पार्टी से लंबी लकीर नहीं खींच पा रही है इसलिए वह दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा ठप करना चाहती है। मंत्री आतिशी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली की जनता ये भी देख रही है कि आयुष्मान योजना में 18 लाख फर्जी नामों के बाद भी भाजपा जांच के लिए उंगली नहीं उठा पा रही है।

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