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मौखिक तौर पर नहीं सुनी जाएगी जल्द सुनवाई की मांग-चीफ जस्टिस संजीव खन्ना

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नई दिल्ली,। जस्टिस संजीव खन्ना भारत के चीफ जस्टिस बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनते ही सीजेआई संजीव खन्ना एक्शन मूड में नजर आए। अपने कार्यकाल के पहले दिन उन्होंने 45 मामलों की सुनवाई की। दूसरे दिन मंगलवार को उन्होंने वकीलों को खरी-खरी सुनाई। सीजेआई संजीव खन्ना ने साफ कहा कि किसी भी मामले में जल्द सुनवाई की मांग मौखिक तौर पर नहीं सुनी जाएगी।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीजेआई खन्ना ने यह अहम टिप्पणी की। उन्होंने अपनी कोर्ट में मौजूद वकीलों से कहा कि वे अपने मामलों की लिस्टिंग और जल्द सुनवाई के लिए मौखिक अनुरोध ना करें। सीजेआई खन्ना ने कहा जल्द सुनवाई की मांग ईमेल के जरिए से भेजें या रजिस्ट्री में लिखित अनुरोध करें तभी उन मामलों की सुनवाई की जाएगी। बता दें कि भारत के 51वें सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालने के बाद संजीव खन्ना पहले दिन ही 45 मुकदमों की सुनवाई की थी। सीजेआई संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। खन्ना छह महीने से कुछ ज्यादा समय तक भारत के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य करेंगे।

65 साल की आयु पूरी होने पर 13 मई, 2025 को वह रिटायर हो जाएंगे। खन्ना ने पूर्व सीजेआई डी वाई. चंद्रचूड़ की जगह ली, जो रविवार को चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए हैं। बता दें सीजेआई संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर मौजूद थे। पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने ही 17 अक्टूबर को केंद्र सरकार से जस्टिस संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की थी। उस सिफारिश पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी थी।

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