अग्नि आलोक

सेंचुरी श्रमिकों का और मराल श्रमिकों का श्रमायुक्त कर्यालय, इंदौर पर; धरना- प्रदर्शन ….उप श्रम आयुक्त 15 दिन में त्रिपक्षीय बैठक बुलाकर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया

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इंदौर। पिछले करीब 4 साल से श्रमिक जनता संघ के नेतृत्व में रोजगार के अधिकार के लिए संघर्षरत सैंचुरी  मिलके और हाल ही में मैनेजमेंट की मनमानी के खिलाफ संघर्ष कर रहे मराल इंडस्ट्रीज के  करीबन 100 श्रमिक प्रतिनिधियों ने  इंदौर आकर मध्य प्रदेश के श्रम आयुक्त कार्यालय पर धरना दिया और प्रदर्शन किया करीब 4 घंटे चले धरना प्रदर्शन में विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित करते हुए सैंचुरी  और मराल के मैनेजमेंट की मनमानी से हो रही परेशानी और पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि श्रम आयुक्त का कर्तव्य है कि वह मजदूर मालिकों के विवाद को त्रिपक्षीय बैठक के जरिए हल करें ।कई बार इंदौर के श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन और ज्ञापन देने के बावजूद मौखिक रूप से तो श्रमायुक्त वादा करते हैं, लेकिन आज तक ऐसी बैठक नहीं बुलाई गई है। जिससे श्रमिकों में आक्रोश है और यह आक्रोश चिंगारी में तब्दील ना हो और मध्यप्रदेश में श्रमिक अशांति ना फैले इसकी मांग को लेकर आज यह धरना आयोजित किया गया है ।

मेधा पाटकर के नेतृत्व में हुए धरने में दोनों ही कंपनियों के श्रमिक प्रतिनिधि आए थे और उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की सभा को मेधा पाटकर  , रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव,  दुर्गेश कैसे,   नवीन मिश्रा, सुश्री ज्योति  भदाने ने भी संबोधित किया बाद में धरना स्थल पर श्रमिकों के बीच आकर   आकर उपायुक्त  दीक्षित जी ने श्रमिको की बात सुनी और सेंचुरी तथा मराल के मुद्दों पर उठाए विवाद सम्बन्धी  दोनो पक्षकारों को बुलाकर बैठक लेने का आश्वासन दिया।उन्होंने जो श्रमिक सेंचुरी के कैम्पस में रहते है उनका पानी और बिजली काटने सम्बन्धी कल सुबह मनजीत कम्पनी से बात करके बुनियादी सुविधाओं के बारे में आश्वासन दिया। श्रमिक जनता संघ की तरफ से मेधा पाटकर के साथ ऊषा माहिले, ज्योति भदाने, दुर्गेश खवसे, नवीन मिश्रा आदि ने आवाज उठाकर सवाल जवाब किया कि हमारी सुनवाई हो चुकी है तो फिर से सुनवाई करके समय क्यों बढ़ाया जा रहा है। श्रमिकों ने इस पर कड़ी आपत्ति उठाई कि राज्य सरकार सेंचुरी के अंदर रहने वाले श्रमिकों के बुनियादी अधिकार के मामले में हस्तक्षेप नही कर रही है। आखिर में उपयुक्त ने इसी महीने में कल से ही 15 दिन के अंदर यह प्रक्रिया बढ़ाने का ठोस दावा किया है। 

  मराल कम्पनी के मैनेजमेंट से श्रमिकों पर श्रमिक जनता संघ से जुड़ने के बारे में जो दबाव डाला जा रहा है, तथा श्र.ज.सं. के कार्यकारिणी सदस्यों को नोकरी से हटाया गया है, विविध प्रकार के गैर कानूनी साजिशे चलाई जा रही है, जैसे झूठे आरोप लगाना, इन पर भी विवाद दाखिल किया गया है। इस पर भी सुनवाई के बाद दोनों पक्षकारों को बुलाकर  बैठक का आश्वासन उपयुक्त ने दिया है।   

 श्रमिकों ने आगे का संघर्ष -कानूनी और मैदानी- अंतिम फैसले तक जारी रहेगा, इस चेतावनी के साथ आज का धरना समाप्त किया गया है।

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