महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ हुई ठगी के मामले में पकड़े गए दो कर्मचारियों की आज पुलिस रिमांड खत्म हो रही है. इसके पहले प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ सामने आकर पूरे मामले का खुलासा किया है. उनका कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन के माध्यम से इस रैकेट का पटाक्षेप से हुआ है.
उल्लेखनीय है कि उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर में अचानक निरीक्षण करते हुए श्रद्धालुओं से अवैध रूप से वसूली करने वाले तीन पुरोहितों को पकड़ा था. इसके बाद दो कर्मचारियों के मिलीभगत से महाकाल मंदिर समिति को करोड़ों रुपए का नुकसान होने की बात सामने आई. इस मामले में भी अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया है.
महाकाल मंदिर समिति ने कराया मुकदमा दर्ज
इस मामले में विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर ले रखा है. आज दोनों की रिमांड खत्म हो रही है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि 19 दिसंबर को जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंदिर का निरीक्षण किया था. कलेक्टर ने कुछ लोगों को श्रद्धालुओं के साथ अवैध रूप से राशि लेने के मामले में पकड़ा. इस मामले में महाकाल मंदिर समिति ने मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद मंदिर समिति के कर्मचारियों के प्रकरण में भी मंदिर समिति की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई है.
प्रशासक बोले-गेंद पुलिस के पाले में
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार झारखंड ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है और जो भी लोग दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि दोनों कर्मचारियों के पास इतनी संपत्ति कहां से आई है ? इसकी भी पुलिस जांच कर रही है. उन्होंने मंदिर समिति से यह राशि कमाई है या कहीं कोई माध्यम से उनके पास पैसा पहुंचा है. गौर तलब है कि विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव की करोड़ों रुपए की संपत्ति का पुलिस पता लग चुकी है.
प्रशासक ने कहा- मैंने सबसे ज्यादा सख्ती की
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने यह भी कहा कि उनके द्वारा सबसे ज्यादा सख्त कदम उठाए गए. भस्म आरती में अवैध रूप से वसूली की जाती थी. उनके द्वारा क्यूआर बैंड के जरिए इस भ्रष्टाचार को रोकने का पूरा प्रयास किया गया. इसके अलावा अन्य कई कदम भी उठाए गए. उनके 3 महीने के कार्यकाल में कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जिससे मंदिर की आमदनी बढ़ी है.
प्रशासन के प्रतिवेदन में प्रशासक का नाम !
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पूरा मामले की जांच के बाद जो प्रतिवेदन तैयार किया है उसमें प्रशासक पर भी लापरवाही और अनियमित का आरोप लगा है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदन को सरकार को भेज दिया है और सरकार की ओर से आगे कदम उठाने जाना है. कलेक्टर के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर समिति को पिछले साल की तुलना में एक महीने में 3 करोड़ 80 लाख रुपए की आमदनी कम हुई है, यह गंभीर विषय है.