एस पी मित्तल, अजमेर
21 जनवरी को पुष्कर के गुर्जर भवन में राजस्थान भर के गुर्जर नेताओं की एक बैठक हुई। कोई 25 जिलों से आए 200 नेताओं की बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मसभा के लिए पवित्र मालासेरी डूंगरी की मिट्टी और डूंगरी पर ही बने भगवान देवनारायण मंदिर में चढ़े पीले चावल प्रदेश के हर गुर्जर परिवार तक पहुंचाए जाएंगे। मिट्टी और चावल धर्मसभा के निमंत्रण के तौर पर दिए जाएंगे। 28 जनवरी को भगवान देवनारायण का 1111 वां अवतरण दिवस है। बैठक में आए प्रतिनिधियों को पवित्र डूंगरी की मिट्टी और मंदिर के चावल का बैग भी दिया गया। धर्म सभा के आयोजन से जुड़े भाजपा ओबीसी मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश भडाणा ने बताया कि अब प्रदेश के हर जिले खासकर 25 गुर्जर बाहुल्य जिलों में ऐसी बैठकें होंगी और गुर्जर समुदाय के प्रत्येक घर में पवित्र मिट्टी और चावल पहुंचाए जाएंगे। गुर्जर समुदाय के लिए यह गर्व की बात है कि भगवान देवनारायण के 1111 वें अवतरण दिवस के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग ले रहे हैं। जिन गुर्जर परिवारों में चौपहिया वाहन है, उन सभी से आग्रह किया गया है कि वे अपने वाहन में परिवार के सदस्यों और पड़ोस के लोगों को बैठाकर धर्म सभा में भाग लें। धर्मसभा में कितने लोग भाग लेंगे इसको लेकर कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, लेकिन हमारा प्रयास है कि प्रदेश के हर गुर्जर परिवार का सदस्य धर्म सभा में उपस्थित हो। भडाणा ने बताया कि पुष्कर की बैठक में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया, विधायक मानसिंह गुर्जर, अनीता गुर्जर, पूर्व मंत्री हेमसिंह भडाना, जवाहर, कालूलाल गुर्जर आदि उपस्थित रहे। धर्मसभा के आयोजन से जुड़ी और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9929590191 पर ओम प्रकाश भडाना से ली जा सकती है।
ऐसे होगा पीएम मोदी का स्वागत:
भीलवाड़ा के आसींद स्थित मालासेरी डूंगरी पर बने भगवान देवनारायण मंदिर के पुजारी हेमराज ने बताया कि पीएम मोदी को मंदिर कमेटी की ओर से आमंत्रित किया गया है। 1111 वें अवतरण दिवस पर आयोजित पंच कुंडीय महायज्ञ में पीएम मोदी पूर्णाहुति करेंगे। पीएम मोदी कोई दो घंटे तक मालासेरी डूंगरी पर रहेंगे। मंदिर में मोदी का कमल का फूल और दुपट्टा देकर स्वागत किया जाएगा। मोदी के स्वागत के लिए मंदिर कमेटी के सदस्य और पुजारी उत्साहित हैं। चूंकि 28 जनवरी को भगवान देवनारायण का 1111 वां अवतरण दिवस है, इसलिए विदेशों में रहने वाले गुर्जर भी महायज्ञ में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। पुजारी हेमराज ने बताया कि गुर्जर समुदाय के लिए आसींद की मालासेरी डूंगरी का खास धार्मिक महत्व है। 11 सौ वर्ष पहले जब सवाई भोज जी शहीद हुए तब परंपरा के मुताबिक उनकी पत्नी गुर्जरी साडू ने भी सती होने का संकल्प लिया। लेकिन इसी दौरान ईश्वरीय आकाशवाणी हुई कि माता साडू को सती होने की जरुरत नहीं है, क्योंकि आज से एक माह बाद कमल के फूल स्वयं विष्णु जी देवनारायण के स्वरूप में आएंगे। आकाशवाणी के अनुरूप ही देवनारायण जी का अवतरण शिशु के रूप में माता साडू के पास हुआ। चूंकि यह सब कुछ मालासेरी डूंगरी पर ही घटित हुआ, इसलिए गुर्जर समुदाय के लिए यह डूंगरी (पहाड़) विशेष महत्व रखती है। मालासेरी डूंगरी को ही भगवान देवनारायण का अवतरण स्थल माना जाता है।