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उत्तर में मधुमेह-स्ट्रोक जैसी बीमारियां,दक्षिण में मोटापा, मुख-स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर अधिक

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देश में सतलुज-यमुना का मैदानी इलाका (उत्तर भारत) गैर संचारी बीमारियों से घिरा है। यहां मधुमेह से लेकर स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप सहित अत्याधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का प्रसार पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। यह जानकारी नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) की रिपोर्ट में सामने आई है।साल 2000 से 2020 के बीच प्रकाशित चिकित्सा अध्ययनों की इस समीक्षा रिपोर्ट में सामने आया कि भारत में हर साल होने वाली कुल मौत में करीब 61 फीसदी गैर संचारी बीमारियों की वजह से होती हैं। देश में इन बीमारियों का प्रसार भौगोलिक स्थिति के कारण अलग-अलग है। 

अगर उत्तर भारत के राज्यों में कुछ बीमारियां सबसे ज्यादा हैं तो दक्षिण राज्यों में अन्य बीमारियों की चपेट में ज्यादा लोग हैं। इस भौगोलिक अंतर को समझने के लिए यह समीक्षा रिपोर्ट तैयार की गई।

पश्चिमी राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च रक्तचाप अधिक
रिपोर्ट के अनुसार, सतलुज यमुना के मैदानी इलाकों के अलावा पश्चिमी राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के जिलों में करीब 30.1 फीसदी आबादी उच्च रक्तचाप की चपेट में है। 

छह लाख से ज्यादा परिवारों से पता चली स्थिति
एनसीडीआईआर के प्रमुख डॉ. प्रशांत माथुर के मुताबिक, रिपोर्ट में देश के 707 जिलों को उनके गैर संचारी रोग (एनसीडी) बोझ और कैंसर स्क्रीनिंग की सीमा के अनुसार रैंक किया है। इसमें जिला-स्तरीय एनसीडी समूहों की पहचान करते हुए उसके जोखिम कारकों में भौगोलिक विविधताओं को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। 

एक जैसी नीति से नहीं चलेगा काम
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गैर संचारी रोगों का बोझ कम करने के लिए क्षेत्र वार रोकथाम रणनीति पर काम करना जरूरी है। पूरे देश के लिए एक जैसी नीति बनाकर काम नहीं किया जा सकता।

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