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राजस्थान की सरकारी कमेटियों में आईएफडब्ल्यूजे को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से पत्रकारों में नाराजगी

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एस पी मित्तल, अजमेर

राजस्थान के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न कमेटियों का गठन किया है। लेकिन इन कमेटियों में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) से जुड़े पत्रकारों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उनका संगठन राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं और राजस्थान में एकमात्र ऐसा संगठन है जिसके सदस्यों के नाम और मोबाइल नंबर वेबसाइट पर डाल रखे हैं। उनके संगठन से ही अधिकांश पत्रकार जुड़े हुए हैं। प्रदेश के  पत्रकारों की समस्याओं को समय समय पर उन्हीं का संगठन उठाता रहा है। जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक सम्मेलन भी किए गए हैं। संगठन के प्रतिनिधियों ने कई बार पत्रकारों की समस्याओं से सरकार को अवगत भी करवाया है। हमारे संगठन की सक्रियता के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी जनसंपर्क निदेशालयों के अधिकारियों ने सरकारी कमेटियों में हमारे संगठन को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। राठौड़ ने कहा कि इस उपेक्षा की ओर जल्द ही मुख्यमंत्री गहलोत का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी समितियों ने किन पत्रकारों को शामिल किया जाए यह सरकार पर निर्भर करता है, लेकिन जो पत्रकार संगठन पत्रकारों के हितों के लिए सक्रिय हैं, उसे भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। तभी सही मायने में पत्रकारों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में आधा दर्जन कमेटियों की घोषणा की है। 

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