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100 कराेड़ की सम्पत्ति काे लेकर भाई बहन के बीच 10 साल से चल रहा विवाद सुलझा

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देवास

जिला न्यायालय में शनिवार को करीब एक साल बाद पहली बार ओपन नेशनल लोक अदालत ओपन रखी गई, जिसमें लोगों भारी भीड़ रही, जिसमें ज्यादा बिजली काउंटरों पर लोगों भी भीड़ देखी गई। सबसे पहले नेशनल लोक अदालत प्रारंभ होने के पहले डीजे योगेश कुमार गुप्ता न्यायालय परिसर में बैठे सभी विभागों के काउंटरों का न्यायालय परिवार के साथ निरीक्षण कर जाएजा लिया।

ठिकाना पटाडी के चावड़ा परिवार और इंदौर निवासी तोमर परिवार भाई बहन के बीच करीब 10 साल से चल रहे एक अरब से ज्यादा संपत्ति के विवाद का राजीनामा हुआ। छोटे ने बड़ी बहन के न्यायाधीश गंगाचरण दुबे के सामने पैर छुए और दोनों गले मिले और जिसमें देवास पटाडी औद्यौगिक क्षेत्र सहित कई जगह पड़ी जमीन मकानों सहित करोड़ों की अचल संपत्ति का चल रहा विवाद आपसी सहमति से सुलझ गया।

संदेश- परिवार में विवाद ठीक नहीं
डाॅ. शोभना तोमर ने बताया मेरा और छोटे भाई त्रिभुवन चावड़ा, मां आनंदकुमारी चावड़ा, बहन दीपिका राठौर, उर्मिला मौर्य, प्रीति परिहार के बीच परिवार के और अन्य सदस्यों के बीच पिता की मौत के बाद अचल संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद पिछले 10 सालों से चल रहा था। इंदौर और देवास न्यायालय में द्वितीय जिला जज गंगाचरण दुबे की न्यायालय में मामला आया। परिजनों ने संदेश दिया कि परिवार में विवाद ठीक नहीं होता।

तीन बीघा जमीन के किसान को मिला 14 लाख का बिल
नेशनल लोक अदालत में सबसे ज्यादा भीड़ बिजली बिल की समस्या को लेकर पूरे जिले से लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे। लेकिन न्यायालय परिसर में उस समय चर्चा का विषय बन गया जब सुनवानी गांव का तीन बीघा का किसान अशोक जाट हाथ में नेशनल लोक अदालत का नोटिस हाथ लेकर बिजली कंपनी काउंटर पर पहुंचा, अधिकारी ने देखा कि उसमें 14 लाख 60 हजार 531 रुपए का बिजली बिल का नोटिस था, जिसमें से 11 लाख 68425 रूपया बिल भरने का कह दिया।

न्यायधीश गंगाचरण बिजली कंपनी के काउंटर पर निरीक्षण करने पहुंचे तो किसान अशोक जाट ने न्यायाधीश दुबे को अपना 14 लाख का बिजली बिल बताया। जिस पर उन्होंने कहा मीटर की जांच करा लाे अगर आपने बिजली जलाई है तो फिर भरना पड़ेगा।

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