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*राजनीति के गिरते स्तर से बड़वारा सहित  शहडोल संसदीय क्षेत्र में 13% मतदान गिरा*

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*जन- विरोध को कुचलकर जबरन शराब दुकान खुलवाने से नाराज ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार*

*कलेक्टर के आश्वासन के बाद शुरू किया गया मतदान*

H .S.पराशर

*कटनी / बड़वारा l  शुक्रवार को कटनी की बड़वारा विधानसभा में शहडोल की संसदीय सीट के लिए मतदान हुआ और 2019 की तुलना में मतदान में तेरह प्रतिशत की चिंतनीय कमी आई जिसने यह संदेश दिया कि मंदिर मस्जिद , हिन्दू मुस्लिम , खोखला राष्ट्रवाद , क्षद्म हिंदुत्व जैसे भावनात्मक खेल से जनता निराश है मतदान के प्रति उसका उत्साह वर्तमान ढर्रे वाली राजनीति से बहुत कम हुआ है l बड़वारा में भी लोकतंत्र पर्व पर  बूथ पर औपचारिकताएं नजर आई और 60% मतदान हुआ आदिवासी बहुल शहडोल संसदीय क्षेत्र में भी कुल मिलाकर 60%मतदान रहा l जिसने यह बताया कि सभी वर्ग के लोग वर्तमान जनप्रतिनिधि और सरकार के कामकाज से असंतुष्ट  हैं  अन्यथा पिछले चुनाव में 72 -73% तक मतदान करने वाला मतदाता इस वर्ष क्यों ऐसा उदासीन हो गया l*

यह अलग बात है कि चुनाव में भाजपा को फिर फतह मिल जाए लेकिन उसकी भूमिका एक आदर्श विजय की नहीं मानी जाएगी lकारण साफ है भाजपा की भूमिका बेहतर होती तो मतदान के प्रति पंद्रह से बीस प्रतिशत की अरुचि सामने नहीं आती बल्कि उत्साह में बीस पच्चीस प्रतिशत मतदान बढ़ना चाहिए था l 

बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जगतपूर उमरिया ग्राम में पोलिंग बूथ क्रमांक 92 में करीब 1200 से अधिक मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार कर दिया lग्रामीणों ने बताया कि हमारे आदर्श गांव जगतपुर उमरिया में रहवासी इलाके पर शराब की दुकान खोल दी गई है। जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा है इसे हटाने को लेकर कई बार थाना प्रभारी, तहसीलदार,एसडीएम एवं कलेक्टर महोदय को शिकायत की गई। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इसके बाद हम सभी ने यह फैसला लिया है। दुकान नहीं हटाई गई तो हम सभी लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करेंगे। 

वही बहिष्कार की जानकारी लगते ही बड़वारा तहसीलदार। नयाब तहसीलदार, थाना प्रभारी समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझाइस देते हुए जिला कलेक्टर अवि प्रसाद से फोन कॉल के माध्यम से बात कराई। मांगों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने मतदान शुरू किया। आपको बता दे करीब ढाई घंटे तक मतदान केंद्र क्रमांक में  बोटिंग रुकी रही।यहाँ से पूर्व सांसद हिमाद्री सिंह भाजपा से और कांग्रेस से फुंदेलाल मार्को सहित दस प्रत्याशी चुनाव में खड़े हुए हैं l  

कटनी को उपेक्षा का जहर पीना पड़ा डबल सांसद और ट्रिपल एंजिन की सरकार में 

कटनी तहसील के धड़ को शुरू से ही परिसीमन में बीच से दो -फाड़ कर दिया गया था जो जिला बनने के बाद भी विभक्त है l पहले बीच से चीरकर फेंके गए कटनी का आधा धड़ जबलपुर में और आधा सतना की सीमा में पड़ा था आजकल खजुराहो और शहडोल में उसके चीथड़े पड़े रहते हैं l डबल सांसद और ट्रिप्पल एंजिन वाली सनातनधर्मी सरकार के राज में कटनी जिला आज भी अच्छे स्कूल को तरसता है,  मेडिकल कालेज के लिए बिलखता है , बेहूदे साऊथ रेलवे स्टेशन और मुड़वारा के प्लेटफार्मो पर पहुंचने के लिए दस दस साल से रेम्प को तड़पता है , बीमार बुजुर्ग यात्री ढोए जाते हैं l तरक्की हुई तो सभी तरह के खनिज में अवैध खनन के क्षेत्र में क्रिकेट सट्टे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सटोरिए बनने की प्रगति हुई l

शहर के पुण्यात्मा दानवीरों ने गौशाला को जमीने दान दीं उसे भाजपाई वीरों ने हड़पा बेचा अरबपति बन गए , भूदान यज्ञ बोर्ड की पूरी जमींने सफ़ेद पोश हड़प ले गए किसी जनप्रतिनिधि ने जंगल की जमीन अपने रिश्तेदारों के नाम अलॉट करवाते हुए उसे बेच लिया तो किसी ने धर्म की दुकान का कॉम्पलेक्स खोलने के लिए योजना बना ली l चूना उद्योग की मौत हो गई , मार्बल उद्योग अपनी शिशु अवस्था में मर गया , भाजपा और कांग्रेसी नेताओं ने मिलजुलकर मार्बल का अत्याधुनिक प्लांट लगाया और सब्सिडी -कर्ज -टेक्स सब खा पीकर अंतरध्यान हो गए l

यह सब राजनीति के व्यवस्था के पतन का परिणाम है कि लोकतंत्र के प्रति मतदाता नागरिक उदासीन हुआ है l एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए नब्बे प्रतिशत मतदान होना चाहिए और 60% मतदान लोकतंत्र के अस्वस्थ  होने का सबूत है जिसे मतदाता ही आगे आकर स्वस्थ कर सकता है , दल -दल तो अपनी अभिष्ट प्राप्ति के लिए काम करते हैं l

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