एस पी मित्तल, अजमेर
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी की मांग पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना की सभी मस्जिदों के मौलवियों एवं मौलानाओं को पांच हजार रुपए प्रतिमाह का अनुदान देने की घोषणा की है। यह घोषणा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 14 अगस्त को की गई। इससे करीब सात हजार मौलवियों और मौलानाओं को फायदा होगा। ओवैसी खुद हैदराबाद से सांसद और उनका छोटा भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना का पार्टी अध्यक्ष है। अकबरुद्दीन ओवैसी तब चर्चा में आए जब सेना को लेकर प्रतिकूल बयानबाजी की थी। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने एआईएमआईएम को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। तेलंगाना में भी तीन माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। मौलाना मौलवियों को अनुदान देने के पीछे मुस्लिम मतदाताओं को खुश करना भी है। असल में तेलंगाना की 35 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए इन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते हैं। सीएम चंद्रशेखर राव तुष्टीकरण में कांग्रेस को पीछे छोड़ना चाहते हैं, इसलिए अनुदान के साथ साथ अल्पसंख्यकों को कब्रिस्तान के लिए भी 125 एकड़ भूमि का आवंटन कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि तेलंगाना की मौजूदा सरकार ओवैसी बंधुओं के दबाव में काम कर रही है। सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण ही अजमेर में तेलंगाना गेस्ट हाउस का विरोध हो रहा है। राजस्थान में पिछली बार जब भाजपा की सरकार थी, तब अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने करीब पांच हजार वर्ग मीटर भूमि कोटड़ा क्षेत्र में रियायती दर पर आवंटित की। तेलंगाना सरकार का कहना रहा कि यह गेस्ट हाउस अजमेर आने वाले जायरीन के काम आएगा। ख्वाजा साहब की दरगाह में तेलंगाना से बड़ी संख्या में जायरीन जियारत के लिए आते हैं। क्षेत्रवासियों को आशंका है कि इस गेस्ट हाउस के बनने से क्षेत्र का माहौल खराब होगा। यही वजह है कि पिछले छह माह में कोटड़ा क्षेत्र के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। प्रत्येक शनिवार को सैकड़ों लोग एकत्रित होकर सुंदरकांड का पाठ भी करते हैं। गेस्ट हाउस के विरोध में जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन दिए गए हैं। क्षेत्रवासियों के विरोध के चलते अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।