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तीज व्रत : पति को स्वस्थ बनाने का संकल्प लें और नहीं करें ये गलतियां

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      डॉ. नेहा, नई दिल्ली 

   तीज सावन में आने वाला महिलाओं का प्रिय त्याेहार है। धर्म और आस्था के साथ-साथ यह प्रकृति और प्रेम का भी उत्सव है। महिलाएं पति की दीर्घायु और सुखद दांपत्य के लिए हरियाली तीज का उपवास रखती हैं। अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। लेकिन क्या पति की लम्बी उम्र ही काफी है? सिर्फ़ लम्बी उम्र से दाम्पत्य सुखद बनता है? बिल्कुल भी नहीं. उसकी सेहत, ख़ासकर सेक्सुअल हेल्थ भी आवश्यक होता है. सबसे ज्यादा आवश्यक.

बहनों, ज़रा सोचकर देखो :

  तुम्हारा बॉडी पार्टनर तुम्हारी योनि क्यों चाटता है? उसमेँ ऊँगली क्यों डालता है? क्या ऐसा अन-नेचुरल काम कोई भी पशु-पक्षी करता? कोई पशु पक्षी गुदा और मुँह में भी पेनिस नहीं डालता. जो अन-नेचुरल है वो ज़हर है.

     तुम्हारे साथ ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसका पेनिस तुम्हारी योनि को डिस्चार्ज नहीं कर सकता. वह नामर्द है.

    अगर नेचुरल तरीके से तुम डिस्चार्ज नहीं होती तो मानसिक रोगी या बदचलन बनती हो. फिर शरीर भी सड़ता है और एक दिन बेमौत मरती हो.

   अपने पालतू नामर्द को मर्द बनवा लो या हमारे डॉ. मानवश्री से यौनिक सटिस्फैक्शन लो : बिना किसी दुराचार के और निःशुल्क. अपने घर तक में. थेरेपी स्प्रिचुअल है. आपकी योनि, गुदा या मुँह में कुछ भी डाला जाना अनावश्यक है. सुपर आर्गेज्मिक सटिस्फैक्शन ऐसा, जैसा दुनिया का कोई संभोग नहीं दे सकता.

उपवास में खुद की सेहत पर ध्यान देना जरूरी होता है. हालांकि उपवास स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, पर कुछ गलतियां इन्हें मुश्किल बना देती हैं। इसमें से एक बड़ी समस्या है डिहाइड्रेशन।

      गर्मी और उमस के मौसम में यह समस्या तब और ज्यादा परेशान करती है जब आपने निर्जला उपवास रखा हो।  व्रत के दौरान की जाने वाली कुछ गलतियां भी इसे और बढ़ा देती हैं।

      गर्मियों में दिनों दिन बढ़ने वाला तापमान व्रत के दौरान बार बार प्यास लगने की समस्या को बढ़ा देता है। इसके चलते महिलाएं थकान और कमज़ोरी महसूस करने लगता है। दरअसल, व्रत के दौरान आहार का उचित चयन न करना भी प्यास बढ़ने की समस्या का कारण साबित होता है। 

       हरियाली तीज का व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस खास दिन पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत में भी करवाचौथ के समान ही महिलाएं सूरज निकलने से पहले सरगी का सेवन करके दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। इसके चलते उन्हें भूख, प्यास और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है।

*1 ज्यादा मीठे व्यंजनों का सेवन वर्जित :*

     अधिकतर महिलाएं सरगी में खूब मिठाइयों, मीठे शरबत और मीठी मट्ठी का सेवन करती है। इससे शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ने लगता है। ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करने से शरीर का पानी अन्य कोशिकाओं में स्थानांतरित होता है, जिससे यूरिनेशन का सामना करना पड़ता है।

*2 ऑयली आहार लेना नुकसानदेय :*

    ज्यादा मात्रा में ऑयली फूड खान से शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ती है, जिससे प्यास का सामना करना पड़ता है। दरअसल, फ्राइड फूड में मौजूद नमक और तेल की मात्रा को शरीर में पचाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी न मिल पाने से सेल्स में फ्लूइड का बैलेंस बिगड़ने लगता है, जिसके चलते प्यास और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।

*3  इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी :*

    हेल्दी पेय पदार्थों जैसे लस्सी, नींबू पानी या स्मूदी का सेवन न करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ने लगता है। शरीर में पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी के चलते बार बार प्यास लगने की समस्या बढ़ जाती है। साथ बॉडी फंक्शनिंग में मदद मिलती है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कम मात्रा के चलते हर पल थकान और सुस्ती का सामना करना पड़ता है।

*4 क्षमता से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी :*

     व्रत के दौरान एक्सरसाइज़ करने से स्वैटिंग का सामना करना पड़ता है। पसीना आने से शरीर में मिनरल्स की कमी बढ़ जाती है, जिससे प्यास लगने लगती है और शरीर थका हुआ महसूस करता है। हाई इंटैसिव एसरसाइज़ से बचें और व्रत के दौरान केबल ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जाती है।

प्यास की समस्या से बचने के लिए ऐसा होना चाहिए आहार :

*1. प्रोटीन रिच डाइट लें :*

आहार में दही को शामिल करें। इसे फ्रूट रायता और कस्टर्ड की फॉर्म में खाएं, जो एनर्जी का रिच सोर्स है। इससे भूख लगने की समस्या हल हो जाएगी और मिनरल्स की पूर्ति भी होगी। सरगी में दही या दूध में फ्रूट्स को डालकर खाने से प्यास लगने की समस्या हल हो जाती है।

*2. नमक को आहार में शामिल करें :*

   आहार में नमकीन चीजों को शामिल करने से शरीर में वॉटर होल्ड करने में मदद मिलती है। वे महिलाएं जिन्हें हाई बीपी की समस्या नहीं रहती है, उन्हें अपने आहार में नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। शरीर में सोडियम की कमी से यूरिलेशन की समस्या बढ़ती है, जिससे निर्जलीकरण का खतरा बढ़ने लगता है।

*3. हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करें :*

शरीर को हेल्दी रखने के लिए सरगी में कोकोनट वॉटर छाछ और नींबू पानी  का सेवन करें। इससे शरीर में मिनरल्स की उच्च मात्रा बनी रहती है और बार बार लगने वाली प्यास से बचा जा सकता है।

*4. ड्राइ फ्रूट्स खाएं :*

शरीर की डाइजेस्टीबीलिटी को बढ़ाने के लिए मुट्ठी भर रोस्टिड या भिगोकर ड्राइ फ्रूट्स का सेवन करें। इसके अलावा ड्राइ रोस्ट मखाने भी शरीर का ताकत प्रदान करते हैं और प्यास को कम करते हैं। इनके सेवन से बार बार भूख लगने की समस्या से बचा जा सकता है.

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