नई दिल्ली । फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रूड सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर सीड ऑयल के इंपोर्ट पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस से छूट की घोषणा की है। यानी, इनके इंपोर्ट पर जीरो बेसिक कस्टम्स ड्यूटी और जीरो एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस लगेगा। यह छूट टैरिफ रेट कोटा सिस्टम के तहत मिलेगी। सरकार के इस कदम से आम लोगों को भी राहत मिल सकती है।
30 जून तक मिलेगा छूट का फायदा
यह छूट 11 मई से 30 जून 2023 तक प्रभावी होगी। यह खासतौर से उन इंपोर्टर्स पर लागू होगी, जिनके पास वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टीआरक्यू लाइसेंस हैं। टीआरक्यू एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें कम या जीरो ड्यूटी रेट पर तय वॉल्यूम इंपोर्ट करने की इजाजत मिलती है। टैक्स एडवायजरी फर्म एसडब्ल्यू इंडिया में इनडायरेक्ट टैक्स के प्रैक्टिस लीडर अंकुर गुप्ता का कहना है, ‘घरेलू कीमतों को काबू करने और किसानों के हितों को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक प्रोत्साहित करने वाला कदम है।’
इन कंपनियों को हो सकता है फायदा
इस साल की शुरुआत में सरकार ने टीआरक्यू (TRQ) के तहत 31 मार्च 2023 तक खाद्य तेल के इंपोर्ट पर कंशेसन दिया था। घरेलू कीमतें बढ़ने के कारण एडिबल ऑयल के लिए ड्यूटी रिलीफ को सबसे पहले जुलाई 2021 में लाया गया था। सितंबर 2022 में इन रियायत को छह महीने के लिए 31 मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया। जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी विल्मर, पतंजलि फूड्स, गोकुल रिफॉयल्स और एग्रो टेक फूड्स जैसी एडिबल ऑयल कंपनियों को इंपोर्ट ड्यूटी कंशेसन से फायदा होगा।