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बीते सप्ताह खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख

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इंदौर। विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार टूटने से तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों की वजह से देशी तेल-तिलहन बाजार में टिक नहीं रहे। सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कपास्या जैसे देशी तेल तो खप नहीं रहे दूसरी ओर आयातित सूरजमुखी, सोयाबीन का भी इतना आयात हो चुका है कि इनके भी लिवाल कम हो गये हैं। कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन में भी लिवाल कम हैं और सीपीओ के आयात में भी नुकसान है। सॉफ्ट आयल (नरम तेल- सूरजमुखी, सोयाबीन इत्यादि) बेहद सस्ता होने से पामोलीन टिक नहीं पा रहा है। सूत्रों ने कहा कि देशी तेल इसलिए टूटे हुए हैं कि इनकी लागत अधिक बैठती है और सस्ते आयातित तेल, लिवाल की कमी के कारण टूट रहे हैं। इन आयातित तेलों का इतना अधिक आयात हो चुका है कि उन्होंने ऊंची लागत वाले देशी तेल-तिलहनों को गैर-प्रतिस्पर्धी बना दिया है। सूत्रों ने कहा कि तिलहन किसान बहुत तकलीफ में हैं और उनके बीच नाराजगी भी दिख रही है। सूत्रों ने कहा कि सरकार को आयात शुल्क लगाना चाहिये और उससे जो राजस्व की प्राप्ति हो, उसमें से कुछ धन सब्सिडी के बतौर वह गरीब या निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के खाते में सीधा दे सकती है। इससे स्थिति पर काफी नियंत्रण हो सकता है। बीते सप्ताह में मूंगफली तेल (10 किलो) इंदौर 1640 – 1660 मुबंई 1630 – 1640 गुजरात 1620 – 1625 सोया रिफाइंड तेल इंदौर 940 – 945 सोया सॉल्वेंट 905 – 910 सोया डीगम 860 – 865 मुंबई सोया रिफाइंड तेल 965 – 970 इंदौर पाम ऑइल 970 – 975 मुंबई पाम ऑइल 930 – 935 गुजरात कपास्या तेल 885 – 890 रुपए। राजकोट तेलिया मूगंफली तेल 2580 – 2590 रुपए प्रति 15 किलो पैक के भाव पर बंद हुए।

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