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कुर्बानी की ईद, मुस्लिम इलाकों में रौनक

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इंदौर।  कुर्बानी की ईद (Eid) आज शहर में चारों ओर खुशी से मनाई जा रही है। सुबह ईद (Eid) की नमाज (Namaz) अता होने के बाद पूरे शहर में कुर्बानी हुई। अलग-अलग ईदगाह में नमाज का समय अलग-अलग रखा गया था। मुख्य नमाज सदर बाजार ईदगाह में शहर काजी डॉ. इशरत अली ने अता करवाई। नमाज के पहले उन्होंने समाजजनों को संबोधित भी किया। मुस्लिम समाज आज ईदुल अजहा, यानी बकरीद का त्योहार मना रहा है। पूरे शहर में सुबह से हर मुस्लिम इलाके में ईद की रौनक छाई हुई है। सभी मुस्लिम इलाकों में सुबह से सभी एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते नजर आए। शहर की अलग-अलग मस्जिदों में नमाज अता की गई। खजराना और छोटी ग्वालटोली ईदगाह के बाहर समाज के लोग बड़ी संख्या में नमाज पढऩे पहुंचे। कुर्बानी के बकरे को लेकर आज सुबह बच्चों ने अपने-अपने क्षेत्र में घुमाया। नमाज के बाद कुर्बानी दी गई। आज से तीन दिन तक यह त्योहार मनाया जाएगा।

यहां हुई ईद की नमाज
पूरे शहर में ईद की रौनक छाई हुई है, जिसको देखते हुए विशेष स्थानों पर पुलिस बल भी लगाया गया है। आज शहर की बड़वाली चौकी स्थित जामा मस्जिद, सदर बाजार, वहिशतियान, गफूरखां की बजरिया, सिकंदराबाद, गोशुलवरा जूना रिसाला, ऊंटखाना मोती तबेला, हाथीखाना, बांगड़दा, जूना पीठा, सदर बाजार, औलिया मस्जिद पीर गली, काली मस्जिद, सफेद मस्जिद, किशनपुर मस्जिद आदि जगह मुख्य नमाज हुई।

शहर काजी बोले- आपसी मामले समाज में ही सुलझाएं, हर फैसला संयम से लें
सदर बाजार ईदगाह में हुई विशेष नमाज के पहले शहर काजी डॉ. इशरत अली ने विशेष तकरीर की और समाजजनों से कहा कि आपसी मामले समाज में ही सुलझाएं। उन्होंने युवाओं का आह्वान भी किया कि नशे से दूर रहें। डॉ. अली ने कहा कि घर-परिवार में छोटी-छोटी बात पर झगड़े होते रहते हैं और इससे परिवार बिखर जाते हैं। मामूली बातों में अदालतों में केस चलते रहते हैं। हमें समय और पैसे की बर्बादी से बचना चाहिए और सुलह का रास्ता अपनाना चाहिए।

मुस्लिम बस्तियों में स्वच्छता रखें
छोटी ग्वालटोली मस्जिद में काजी-ए-शहर अबुल रेहान फारुकी ने सुबह पौने 8 बजे ईद की नमाज अता करवाई। उन्होंने कहा कि लोग अपने दिलों में नरमी और एक-दूसरे के प्रति सम्मान लाएं। हमारा शहर सफाई में अव्वल है, इसलिए मुस्लिम बस्तियों में भी सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि कुर्बानी के पीछे का एक जज्बा अल्लाह पर यकीन है। अल्लाह के प्रति प्रेम और लगाव होना चाहिए।

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