इसे हासिल करने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर, डीएमके, जेडीएस, एनसीपी, टीएमसी, जेडीयू, आऱजेडी, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डिटेल सार्वजनिक कर दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इसे 12 मार्च को चुनाव आयोग को सौंपने और चुनाव आयोग को इसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। लेकिन चुनाव आयोग ने आखिरी मियाद से एक दिन पहले ही उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
चुनाव आयोग ने इसे दो भागों में दिया है। अपलोडेड डाटा में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल इंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयेरटेल, डीएलएफ कामर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, पीवीआर, सुला वाइन, वेल्सपन और सन फार्मा के नाम शामिल हैं।
इसे हासिल करने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर, डीएमके, जेडीएस, एनसीपी, टीएमसी, जेडीयू, आऱजेडी, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।
दो पीडीएफ फाइल में दिए गए इस डाटा में से एक में दानदाताओं के नाम हैं और दूसरी फाइल में उसे हासिल करने वाले दलों के नाम। पहली लिस्ट में 337 नाम हैं जबकि दूसरी में 426।
इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पेश किए गए डाटा के तरीके पर अपना एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि पूरा डाटा सीरियल से नहीं है जबकि कोर्ट के आदेश में इसको सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी।
हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 6060.50 करोड़ रुपये बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले हैं। यह राशि उसे 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच मिली है। इस तरह से बॉन्ड से आने वाली राजनीतिक दलों की कुल राशि से 47.5 फीसदी हिस्सा उसे मिला है। दूसरे नंबर पर टीएमसी है जिसमें 1609 करोड़ रुपये मिले हैं। जो कुल राशि का 12.6 फीसदी है। तीसरे पर कांग्रेस है। 1421.9 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। यह कुल राशि का 11.1 फीसदी है।
इस मामले में जिस क्विड प्रो को की बात की जा रही थी उसकी झलकियां भी ट्विटर पर दिखने लगी हैं। नितिन गडकरी संसद में जिस मेघा इंजीनियरिंग की तारीफ किए थे उसने 1588 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है।