कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे फेज की वोटिंग से पहले चुनाव आयोग एक्शन में है। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ कूच बिहार में FIR दर्ज की गई है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ 24 घंटे प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी गई है।
6 अप्रैल को तीसरे फेज के चुनाव के दौरान कूचबिहार के सीतलकूची में सुरक्षाबलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। आराेप है कि ममता बनर्जी ने भीड़ को उकसाया था जिसके बाद स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई थी। घोष ने इस मामले में विवादित बयान दिया था। उन्होंनें कहा था कि ममता के गुंडों पर आगे भी ऐसी कार्रवाई हाेती रहेगी।
चुनाव आयोग ने कल बुलाई सर्वदलीय बैठक
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पांचवें फेज की वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राजनीतिक दलों की रैलियों और जनसभाओं में आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियों के बीच यह मीटिंग बुलाई गई है। इस बीच ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से अगले चारों चरण के चुनाव एक साथ करवाने की मांग की है।
बंगाल और ओडिशा में कांग्रेस के दो प्रत्याशियों की कोरोना से मौत
इससे पहले बंगाल में मुर्शीदाबाद जिले की शमशेरगंज सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रिजाउल हक की गुरुवार को कोरोना से मौत हो गई। शमशेरगंज में पांचवें चरण में 17 अप्रैल को वोटिंग होनी है।
उधर, ओडिशा में भी एक प्रत्याशी की मौत के बाद उपचुनाव रद्द कर दिया गया है। यहां की पिपिली सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अजीत मंगराज कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उनका इलाज भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में चल रहा था। यहां 17 अप्रैल को वाेटिंग होनी थी।
भाजपा विधायक ने पंचायत चुनाव टालने की मांग की
उत्तरप्रदेश में भी पंचायत चुनाव हो रहे हैं। लखनऊ की बीकेटी सीट से भाजपा विधायक अविनाश त्रिवेदी ने चुनाव आयोग से चुनाव टालने की मांग की है। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
कम्युनिस्ट पार्टी नहीं करेगी कोई रैली
इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) CPM ने बुधवार को घोषणा की कि वो कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए आगे की सीटों के लिए कोई भी बड़ी रैली का आयोजन नहीं करेंगे।
देश के 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा फरवरी के अंत में हुई थी। पश्चिम बंगाल को छोड़ कर असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव खत्म हो चुके हैं।
कोलकाता हाई कोर्ट भी दे चुका है निर्देश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में स्वास्थ्य संबंधी सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए।
चीफ जस्टिस टी बी एन राधाकृष्णन की पीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि वे निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
बंगाल में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
बंगाल में पिछले 14 दिन के अंदर कोरोना की रफ्तार में 420% का इजाफा दर्ज किया गया है। यहां 16 से 31 मार्च तक केवल 8,062 मरीज मिले थे, जो इस बार 1-14 अप्रैल के बीच बढ़कर 41 हजार 927 हो गए। इस दौरान मौतें भी खूब हुईं। मार्च में जहां केवल 32 लोगों ने जान गंवाई, वहीं इन 14 दिनों के अंदर अब तक 127 लोगों की मौत हो चुकी है।
बंगाल में अभी चार फेज का चुनाव बाकी
पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। वोटों की गिनती दो मई को होगी।
पहले चरण के तहत पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को और चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोट डाले गए थे।