-हाईकोर्ट हुआ सख्त तब 4 साल बाद हो रहे चुनाव
भोपाल। सहकारिता के चुनाव पिछले 4 साल से टल रहे हैं, ऐसे में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई, जिसके बाद प्रदेश में सहकारिता चुनाव होंगे। चुनाव कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। प्रदेश की करीब 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन का रास्ता भी अब साफ है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार सहकारिता की पूरी चुनाव प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले पूर्ण करनी है। ऐसे में सहकारिता चुनाव चार चरणों में पूरे कराए जाने की बात कही गई है। गौरतलब है कि पिछले 4 साल से सहकारिता के चुनाव नहीं हुए हैं।
कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए मध्य प्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एबी ओझा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश की समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन लोकसभा निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने से पहले कराए जाएं।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को न्यायालय के आदेश से अवगत कराया है। चुनाव के संबंध में जानकारी दे रहे निर्वाचन प्राधिकारी ओझा ने बताया कि 2019 में लोकसभा निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता 10 मार्च 2019 से प्रभावी हुई थी और 7 चरणों में से प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल 2019 को हुआ था। इसलिए उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के मुताबिक 10 मार्च 2024 के पहले प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराया जाना आवश्यक होगा। इसके मुताबिक सहकारी समितियों के 4 चरणों में निर्वाचन कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है। यदि सब ठीक रहता है तो सहकारी संस्थाओं के चुनाव लोकसभा से पहले करवा लिए जाएंगे।