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अब्बास स्मृति कार्यक्रम में आज प्रख्यात फ़िल्म लेखक अंजुम रजब अली

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आवारा” और “अनहोनी” फ़िल्में रहेंगी बातचीत के केन्द्र में  


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मशहूर फिल्म लेखक, निर्देशक, पत्रकार, साहित्यकार ख़्वाजा अहमद अब्बास न केवल यथार्थवाद से प्रभावित थे बल्कि वे यथार्थवाद के दौर को गढ़ने वालों में भी शामिल थे।अब्बास साहब की रचनात्मकता पर केंद्रित कार्यक्रमों की श्रृंखला की चौथी कड़ी में ज़ूम मीटिंग में 29 जुलाई 2021 को प्रख्यात फिल्म लेखक अंजुम रजब अली अब्बास साहब की दो फिल्मों “आवारा” (1951) और “अनहोनी” (1952) के ज़रिये कहानियों के पीछे रही उनकी सोच और कहन के तरीकों पर फिल्मों के कुछ दृश्यों को दिखाकर अपना विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे। चर्चा में साथ होंगी डॉ. सैयदा हमीद (दिल्ली) और विनीत तिवारी (इंदौर)।

अंजुम रजब अली अपनी लिखी ‘द्रोहकाल’, ‘दि लीजेंड ऑफ भगतसिंह’, ‘राजनीति’, ‘ग़ुलाम’, ‘कच्चे धागे’ आदि अनेक फिल्मों से जाने जाते हैं। ‘मुल्क’, ‘आर्टिकल 15’, ‘गंगाजल’, ‘थप्पड़’ एवं अन्य अनेक फिल्मों में वे फ़िल्म लेखन के सलाहकार और ‘आरक्षण’, ‘सत्याग्रह’, ‘तूफान’ आदि फिल्मों के सहलेखक भी रहे हैं। उन्होंने फ़िल्म लेखकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सन 2008 में फ़िल्म लेखकों की ट्रेड यूनियन भी बनाई। सैयदा जी योजना आयोग की पूर्व सदस्य हैं,ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्मों और किताबों की गहरी जानकार हैं, उनकी याद में बनी ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं और वे अब्बास साहब की भतीजी भी हैं। विनीत तिवारी इप्टा के सक्रिय सदस्य हैं, कवि, लेखक और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के निर्माता हैं, सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों के कार्यकर्ता हैं और प्रलेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति रहेगी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता मेघनाथ (राँची) की जो अब्बास साहब का एक विशेष संस्मरण साझा करेंगे। साथ ही इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश (लखनऊ), प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिंह सिरसा (चंडीगढ़), इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तनवीर अख्तर (पटना), इप्टा की राष्ट्रीय सचिव उषा आठले (मुम्बई), इस कार्यक्रम श्रृंखला की संकल्पनाकार, वरिष्ठ अर्थशास्त्री और डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता डॉ जया मेहता, फ़िल्म इतिहासकार और फ़िल्म स्तम्भकार सुखप्रीत काहलों और देश के सभी भागों से इप्टा व प्रलेस के कार्यकर्ता एवं इच्छुक जिज्ञासु साथी शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि अब तक इस श्रृंखला में “राही”, “दो बूँद पानी”, “हिना” को केंद्र में रखकर अब्बास साहब की रचनात्मकता और उनके सामाजिक-राजनीतिक सरोकारों पर विस्तृत बातचीत हुई है जिसके वीडियो इप्टा के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं। श्रृंखला की पाँचवी कड़ी में जया मेहता और विनीत तिवारी ख़्वाजा अहमद अब्बास की बनाई इप्टा की पहली फ़िल्म “धरती के लाल” पर केंद्रित प्रस्तुति 7 अगस्त 2021 को देंगे।
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सम्पर्क: 9893192740, 9589862420

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