अग्नि आलोक

झूठों के शहंशाह नासीर शाह ने दिया फर्जी हलफनामा ,वक्फ बोर्ड जांच कमेटी ने लगा दी…मुहर

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इंदौर/ 

चूना पुते कौव्वे नासिर शाह ने मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड को न सिर्फ झूठा शपथपत्र दिया, बल्कि फर्जीवाड़ा करके कई संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर उन्हें वेच डाला…. गौरतलब है कि  एक अखबार ने  29 अगस्त 2024 को प्रकाशित किया था, कि मुल्क, कौम और पार्टी से गद्दारी करने वाले नासिर शाह ने मप्र वक्फ बोर्ड में पद हथियाने के लिए यह झूठा शपथ पत्र दिया था, कि न्यायालय में सके ऊपर कोई प्रकरण नहीं चल रहा है… अपने गुनाहों को छुपाते हुए इस झूठों के शहंशाह ने फर्जी हलफनामा में छाती ठोंक कर कहा था, कि मुझ पर कोई अपराध दर्ज नहीं। है… जबकि उस वक्त भी उस पर कई अपराध दर्ज थे…. लोगों को झूठे मामलों में उलझाकर अपना

लेकिन मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सकावर पटेल के जबरन गाले पड़ने वाले जमीन‌घोर नासिर शाह के विझलाफ आज दिनांक तक जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की…

भूमि की करोड़ों रुपए की जमीन बेचने के मामले में दोषी पाया है… जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि वक्फ स्कीम बपाए इंतजाम व इंसेराम के तहत किसी भी कमेटी सदस्य को अखलाको गिरावट में मुलब्विज नहीं होना चाहिए… जबकि नासिर शाह की कमेटी में अधिकतर पदाधिकारी व सदस्य नासिर शाह सहित कीम बराये इंतेजाम व इंसेराम के खिलाफ पाए गए हैं… जांच प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा है कि नासिर शाह ने पूर्व इन्दोर जिला वक्फ कमेटी इंदौर का अध्यक्ष रहते हुए वक्फ बोर्डकी कई बेशकीमती जमीनों को खुर्द- बुर्द किया है… उसने अपने जीजा आबिद शाह के साथ मिलकर वक्फ भूमि जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में है, को बेचने का अनुबंध किया है.. इसमें बतौर गवाह नासिर शाह ने हस्ताक्षर किए हैं. इस मामले में लोकायुक्त में भी शिकायत हो चुकी है… फिर भी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनव्वर पटेल ने कोई कार्रवाई नहीं की…

मतलब साधने वाले नासिर शाह तथा झूठों के इस शह-शाह कुनबे को काली करतूतों पर तो खुद मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की जांच कमेटी भी मुहर लगा चुकी है.. दौलती हवसखोर फरेबी नासिर शाह के खिलाफ वक्फ बोर्ड की जांच कमेटी ने उसे सीधे-सीधे झूत शपथ पत्र देने तथा अपने जीजा आबिद शाह के साथ मिलकर वक्फ

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है

क्र. 864/95 है। दिनांक 18-05-2012 को इस मुकदमें म.प्र. वक्फ बोर्ड की जीत हुई है, जिसके विरुद्ध नासिर शाह व उसके रिश्तेदारों द्वारा दीवानी निगरानी क्र. 114/12 पेश कर रखा है जो वर्तमान में म.प्र. उच्च न्यायालय इंदौर पीठ में विचाराधीन है।

नासिर शाह और उसकी फरेबी गैंग के गुनाहों की शिकायत दिनांक 24.11.2020 को जिला वक्फ कमेटी इंदौर अध्यक्ष शकील राज ने की थी… इस शिकायत के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल में वक्फ दरगाह हजरत नाहर शाह बली खजराना इंदौर की प्रस्तावित प्रबंध कमेटियों की जांच के लिए एक जांच दल गठित किया था… जांच दल के मोहम्मद तारिक और जिल्लुर्रहमान ने जांच करके प्रतिवेदन वक्फ बोर्ड भोपाल को सौंप दिया था। (प्रस्तुत है जांच रिपोर्ट की हूबहू टाइप कॉपी)

मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल विषय: वक्फ दरगाह हजरत नाहार शाह बली खजराना इंदौर की प्रस्तावित प्रबंध कमेटियों की जांच के संबंध में।

जांच प्रतिवेदन

कार्यालयीन पत्र क्र. 5981-82 दिनांक 20-11-2020 के द्वारा वक्फ दरगाह नहार शाह वली खजराना इंदौर की प्रबंध व्यवस्था हेतु 1. नासिर शाह, 2. वकील खान की अध्यक्षता में प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यालयीन पत्र के माध्यम से जांच दल गठित कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, कि प्रस्तावित कमेटियों के पदाधिकारी एवं सदस्य या उनके परिवार का कोई अन्य व्यक्ति वक्फ का किराएदार, कब्जेदार अथवा वक्फ सम्पत्ति से निजी हित रखने वाला तो नहीं है। जांच कर जांच रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत करें।

इस संबंध में जांच दल द्वारा दिनांक 24-11-2020 को इंदौर स्थित वक्फ दरगाह हजरत

नाहर शाह बली खजराना इंदौर की प्रस्तावित प्रबंध कमेटियों की उपरोक्तानुसार जांच में सहयोग हेतु जिला वक्फ कमेटी इंदौर अध्यक्ष शकील राज से लिखित अभ्यावेदन प्राप्त किया, जिसके द्वारा नासिर शाह की अध्यक्षता वाली प्रबंध कमेटी में नासिर शाह सहित 8 सदस्यों पर विभिन्न मामलों के प्रकरण दर्ज होना पाए गए हैं, जिसकी छाया प्रति जांच रिपोर्ट के साथ संलग्न है। नासिर शाह के विरुद्ध डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट इंदौर में

प्रकरण क्र. सी. आर 4272/18, एमसीए/1100011/2015, एससीएनडीपीएस/46/2019, सीआर/5748/2018, आरसीए/03/2015,

सीआर/9896/2016,

आरसीटी/6642/2018, आरसीटी/373762/2014, सीआर/1067/2018, एसयूएम/15656/2017, आरसीयै/9838701/2016 पंजीबद्ध होना पाया गया है। माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी महोदय प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष फौजदारी परिवाद क्र. 38701/2016 अपराध चार 499, 500, 501, 502 आईपीसी संहिता के तहत पंजीबद्ध है। लोकायुक्त से एक मामले में जमानत हुई है। दिनांक 21-01- 2017 को अपराध क्र. 12960/18, सीएनआर-एमपी० 9010/2007 बाद क्र.

आरसीएसए/428 न.आ, 41511/181 इसके अतिरिक्त नासिर शाह के परिवार के सदस्य मासूम शाह पर धारा 54 का प्रकरण

क्र. 108/2015, सलीम शाह पर धारा 54 का प्रकरण 111/15, अजीज शाह पर धारा 54 का प्रकरण क्र. 110/15 पंजीबद्ध होना पाया गया है। अजीज शाह पर म.प्र. राज्य वक्फ अधिकरण में प्रकरण क्र. 11/2017 सलीम खां पर प्रकरण क्र. 12/17 दर्ज है। नासिर शाह के समधी अंतर शाह पर धारा 54 का प्रकरण दिनांक 08-12-2015 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। असलम शाह पर धारा 54 में 82/17 दर्ज हुआ है, अकरम शाह पर धारा 54 में 80/17 दर्ज हुआ है, सादिक शाह पर धारा 54 में 83/17 दर्ज हुआ है।

मो. तारिक

नासिर शाह ने पूर्व में जिला वक्फ कमेटी इंदौर का अध्यक्ष रहते हुए वक्फ बोर्ड की कई बेशकीमती जमीनों को खुर्द-बुर्द किया है। उसने अपने जीजा आबिद शाह आत्मज मेहंदी हसन के साथ मिलकर वक्फ भूमि जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में है, भूमि सर्वे नं. 366 कबा 1.157 हेक्टेयर यानी 2.86 एकड़ बेचने का अनुबंध किया है, जिसमें बतौर गवाह नासिर शाह ने हस्ताक्षर किए हैं तथा अनुबंध में 5.00 लाख रुपए नकदै भी प्राप्त किए हैं। प्रति संलग्न। नासिर शाह व उसके रिश्तेदारों द्वारा वक्फ बोर्ड की बेशकीमती भूमि दरगाह नहार शाह बली खजराना तथा उससे लगी 500 बीया भूमि हड़‌पने के लिए वक्फ बोर्ड के विरुद्ध ही मुकदमा लगा रखा है, जिसका प्रकरण

निम्न श्रेणी लिपिक मप्र वक्फ बोर्ड भोपाल

नासिर शाह की प्रस्तावित कमेटी के सदस्य भूरा पठान के भाई हमीद खां आ. अमीर खां के विरुद्ध धारा 54 में प्रकरण क्र. 81/17 पंजीबद्ध हुआ है, शेहजाद पटेल सदस्य के विरुद्ध रासुका का प्रकरण व 51 का मामला चल रहा है, साजिद खान उपाध्यक्ष पर भू-माफिया के आरोप है, जाकिर पटेल सदस्य पर लूट, हत्या व गबन का आरोप है, लालू पठान कोषाध्यक्ष के पिता सलीम पठान पूर्व प्रबंध कमेटी (युनूस पटेल को प्रबंध कमेटी) में कोषाध्यक्ष थे उक्त प्रबंध कमेटी को वित्तीय अनियमितताओं के कारण धारा 67 (2) के तहत भंग किया गया था, शाहरुख पटेल उपाध्यक्ष के पिता असगर पटेल पूर्व प्रबंध कमेटी (युनूस पटेल की प्रबंध कमेटी) में सचिव थे, जाकिर पटेल सदस्य के पिता भी पूर्व प्रबंध कमेटी (युनूस पटेल की प्रबंध कमेटी) में सदस्य थे।

नासिर शाह की प्रस्तावित कमेटी के द्वारा जो शपथ-पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, उसमें बिन्दु क्र. 01 ने यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि ‘मैं किसी अन्य वक्फ कमेटी में सदस्य या पदधिकारी के रूप में सम्मलित नहीं हूं, न ही मेरे द्वारा किसी वक्फ सम्पत्ति पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है और न ही किसी वक्फ की दुकान, मकान, इमारत या जमीन का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किराएदार हूं।’ बिन्दु क्र. 02 में यह भी घोषणा की गई है कि ‘मेरे विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार का कोई प्रकरण नहीं चल रहा है और न ही मैं किसी भी न्यायालय से किसी जुर्म में दंडित हुआ हूं।’ जबकि प्राप्त जानकारी अनुसार, नासिर शाह की अध्यक्षता वाली प्रस्तावित कमेटी के 08 सदस्य नासिर शाह सहित उपरोक्त बिन्दुओं के विरुद्ध पाए गए हैं, जो कि आपराधिक श्रेणी में आता है।

जिला वक्फ कमेटी से प्राप्त जानकारी के अनुसार वकील खान की अध्यक्षता वाली प्रस्तावित प्रबंध कमेटी के विरुद्ध वक्फ का किराएदार, कब्जेदार अथवा वक्फ सम्पत्ति से निजी हित रखना साबित नहीं हुआ है। दोनों ही प्रस्तावित प्रबंध कमेटियों में 1. फहीम उल्ला खान आ. हाफिज उल्ला, 2. शेख हारून आ. हैदर खान, 3. मोहम्मद सलीम राज आ. अब्दुल गफूर कॉमन रूप से सम्मिलित किए गए है। जांच उपरान्त यह निष्कर्ष निकला है कि नासिर शाह की अध्यक्षता वाली प्रस्तावित प्रबंध

कमेटी वक्फ अधिनियम 1995 संशोधित 2013 की धार 51, 52 तथा 54 की अवहेलना करते हुए पाई गई है। प्रस्तावित कमेटी का यह कृत्य वक्फ के मूल स्वरूप के विरुद्ध होना प्रतीत होता है, ऐसी छवि के व्यक्तियों का किसी भी वक्फ में सम्मलित होना वक्फ के तहाफ्फुज के लिए हितकारी प्रतीत नहीं होता है। वक्फ स्कीम बपाये इंतेजाम व इंसेराम के तहत किसी भी कमेटी सदस्य को अखलाकी गिरावट में मुलब्बिज नहीं होना चाहिए, जबकि नासिर शाह की प्रस्तावित कमेटी में अधिकतर पदाधिकारी व सदस्य नासिर शाह सहित कीम बराये इंतेजाम व इंसेराम के विरुद्ध पाए गए हैं। अतः जांच प्रतिवेदन आगामी कार्रवाई हेतु प्रस्तुत।

बंद लिफाफे में लोकायुक्त को गोपनीय शिकायत

होना तो यह चाहिए था कि इस जांच प्रतिवेदन के बाद नासिर शाह एंड गैंग पर कार्रवाई होती, परंतु ऐसा नहीं हुआ… फर्जीवाड़ा करने में माहिर नासिर तो शिकायतकर्ता शकील राज ने अब लोकायुक्त को शिकायत कर दी है….

शाह ने किसी तरह इस जांच प्रतिवेदन को ही दबबा दिया… वक्फ़ बोर्ड की जांच रिपोर्ट में नासिर शाह दोषी होने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई

(देखें लोकायुक्त को की गई शिकायत पत्र की छाया प्रति)

म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल

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