इंदौर। आखिरकार सरकार की यह कैसी उद्योग नीति है कि एक तरफ तो सरकार औद्योगिक निवेश के लिए हर माह रीजनल इन्वेस्टर्स समिट से लेकर रोड शो कर रही है, उद्योग लगाने के लिए देश के हर राज्य से लेकर विदेशों के निवेशकों न्योता देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है, मगर दूसरी तरफ इन्दौर की उद्यमी लाड़ली बहनें अपने उद्योगों के लिए 3 साल से महिला क्लस्टर के लिए संघर्ष कर रही हैं।
शहर की इंडस्ट्रियल वुमेन ग्रुप की उद्यमी महिलाओं का कहना है कि हम लगातार 3 साल से महिला क्लस्टर की जमीन के लिए संघर्ष कर रही हैं। वह इस मामले में शिवराज सरकार के मंत्रियों से लेकर वर्तमान सरकार वाले मंत्रियों से गुहार लगा रही हैं, मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। महिलाओ का कहना है कि एक तरफ तो सरकार लाड़ली बहनों के लिए हर महीने घर बैठे आर्थिक सहायता कर रही है, मगर जो महिलाएं अपने टैक्स से सरकार का खजाना भरना चाहती हैं, सरकार एक मल्टी स्टोरी महिला क्लस्टर के लिए जमीन तक नहीं दे पा रही है क्या हम महिलाएं लाड़ली बहनें नहीं हंै।
जमीन मिली तो देश का पहला महिला क्लस्टर होगा
एमपी इंडस्ट्री एसोसिएशन की महिला विंग की अध्यक्ष और इंडस्ट्रियल वुमेन ग्रुप की श्रेष्ठा गोयल के मुताबिक यदि क्लस्टर के लिए सरकार शहर में जमीन देती है तो देश का पहला महिला क्लस्टर इंदौर में होगा। शहर की लगभग 100 उद्यमी शिक्षित महिलाओं में हुनर है, जुनून है, पैसा है, बस इन सभी महिलाओं को सुरक्षा और सुविधा के हिसाब से अपने उद्योगों को एक जगह मल्टी स्टोरी महिला क्लस्टर चाहिए। इस मामले में जिला उद्योग व्यापार केंद्र के महाप्रबन्धक एसएस मण्डलोई का कहना है कि शहर में तो जमीन मिलना मुश्किल है, मगर जिला व्यापार उद्योग केंद्र के मालाखेड़ी इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन है। यदि सरकार आदेश दे तो वहां महिला क्लस्टर के लिए जमीन आवंटित की जा सकती है।