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5 बार निलंबित भी,1 बार बर्खास्तगी भी के बाद भी सत्ता की सुहागन है माहेश्वरी

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भोपाल। मप्र दुग्ध संघ में पदस्थ एक अफसर ऐसा भी है जो अपने काम की वजह से नहीं बल्कि उन पर हुई कार्रवाईयों की वजह से जाना जाता है। यह हैं केके माहेश्वरी जो फिलहाल दुग्ध संघ में उप महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं। यह ऐसे अफसर हैं, जहां भी  रहे हैं अपनी मनमानी की वजह से 37 साल के सेवाकाल में न केवल पांच बार निलंबित हो चुके हैं, बल्कि एक बार तो बर्खास्त तक हो चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी रसूख ऐसा है कि न केवल वे नौकरी पर वापसी कराने में सफल रहे हैं, बल्कि अपनी पदस्थापना भोपाल दुग्ध संघ में कराने में सफल रहे हैं । खास बात यह है कि उन्हें यहां पर बेहद अहम मानी जाने वाली विपणन शाखा का भी प्रभारी बना दिया गया है। उनके राजनैतिक व प्रशासनिक रसूख को इससे ही समझा जा सकता है कि उनकी नौकरी में उनके खिलाफा हुई कई विभागीय जाचें और ईओडब्ल्यू में दर्ज मामले भी कुछ नहीं बिगाड़ सके हैं। यह सभी जांचें उन पर दुग्ध संघ इंदौर और उज्जैन में बतौर प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहते गंभीर वित्तीय अनियमिताओं और घोटालों की वजह से की गई थीं ।
पैंसों से खरीदने की करते हैं बात
माहेश्वरी ऐसे अफसर हैं जब भी कोई उनसे बात करता है तो वे यह कहने से भी पीछे नहीं रहते हैं कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है। सरकार के सभी बड़े नेताओं को वे पैसों की दम पर जेब में लेकर चलते हैं। यही वजह है कि वे कहते हैं कि मेरा कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ा सकता है। इतना ही नहीं वे यह भी जताने से नहीं चूकते हैं कि एक बार बर्खास्त होकर दोबारा नौकरी हासिल कर सकता हूं, तो समझ सकते हो कि सरकार में मेरी पहुंच कहां तक हो सकती है।

माहेश्वरी पर यह लग चुके हैं आरोप

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