अग्नि आलोक

शहर पर चढ़ी फागुण की मस्ती, फाग उत्सवों का दौर शुरू

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दहका टेसू, सुर्ख हुआ पलाश, बौराये आम, चली फागुनी बयार_ 

 *रंग रँगीलो फ़ागुणियो छायो…* 

 _होरी के हुरियारों ने शुरू की रंगों की तैयारी, गली गली गूंज रहे फ़ाग गीत

 *ऋतुराज बसंत जरूर शाल-दुशालों और लिहाफ में दुबककर आये। लेकिन फ़ागुण ने ये गलती नही की। फ़ागुणियो अपनी पूरी धमक, चमक और रंगत के साथ आया। फागुनी बयार संग लाया ओर साथ लाया प्रकृति का नव श्रंगार। आम्रकुंजो पर बौर साथ लाया। फ़ागुण की मस्ती में पलाश सुर्ख हो गया है। टेसू दहक उठा हैं। कोयल कुहुक रही हैं। मोरन के शोर मचे हए है। माहौल भी ऐसा हो चला है। बदन से गर्म कपड़े बिदा हो चले है और फिजाओं में रंगों के त्यौहार होली की खुमारी छाने लगी है। गली गली में फाग गीत गूँजने लगे है। चोक-चौबारों पर फाग उत्सवों की धूम मच गई है। देवालयों में ढोल पखावज की थाप पर रसिया गान शुरू हो गया है। होली का रसिया कृष्ण कन्हैया पिचकारी में रंगों को घोलकर ले आया हैं। अब बारी है अहिल्या नगरी की जहा संवरिये संग रंग बरसेंगे।*

 *नितिनमोहन शर्मा।* 

रंग रँगीलो फ़ागुणियो आया और समूचे शहर में छा गया हैं। गली मोहल्लों और देवालयों में फ़ागुण का उल्लास पसर गया हैं। जगह जगह फाग उत्सवों का दौर शुरू हो गया हैं। कही चंग बज रही है तो कही ढप। कही करताल के संग रसिया गाये जा रहे तो कही ताल पखावज के संग होली की धमार की धूम मची हैं। शहर का एक बड़ा हिस्सा बृज बरसाना धाम बन गया है जहां फाग उत्सवों की धूम मची हुई है। बाजार में भी रंग बिखेर गए हैं जगह जगह सतरंगी रंगों की दुकानें सज गई हैं। बच्चो की पिचकारियों से बाजार सज धज गया है। 

 “होरी के हुरियारों” ने रंगों के त्यौहार होली की तैयारिया शुरू कर दी हैं। कही रंगारंग बाना बनठन के शहर की सड़कों पर निकलेगा तो कही बृज की लट्ठमार होली को अहिल्या नगरी की सड़कों पर उतारा जाएगा। कोई फाग के गीत गुंजायमान करने की तैयारी के जुट गया है तो कोई आकर्षक साज सज्ज़ा के संग विशाल होलिका दहन करेगा। सब तरफ होली की खुमारी पसरती जा रही हैं। रंगों की बारात लेकर आने वाले होली के त्यौहार में अब दिन कितने बचे है? लिहाजा होली की मस्ती अहिल्या नगरी में चढ़ गई है जिससे चौक, चौराहों से लेकर मठ मन्दिर तक अछूते नही है।

जगह जगह हरिकृष्ण साबू “भोपुजी” के सुमधुर फाग गीत भजन गूंज रहे हैं। गुमाश्ता नगर के व्यंकटेश मन्दिर से इसका शुभारंभ हो गया। भोपुजी के इस सबसे बड़े फाग में ऐसी भीड़ जुटी की रात एक बजे तक भोंपू जी के मुख से रसिया बनियों फिरे नंदलाल गूंजता रहा। 1 मार्च को यानी आज भोपुजी के फाग उत्सव का ठिकाना छत्रीबाग स्थित व्यंकटेश मन्दिर रहेगा। 

कमलेश खंडेलवाल की संस्था सृजन ने तो पश्चिमी इन्दौर में वक्त से पहले रंगों की खुमारी चढ़ा दी हैं। ‘ कम्मू नेता’ पूरे दल बल के संग सिरपुर से लेकर नंदबाग, कुशवाह नगर तक फाग उत्सव मना रहे है जिसमे हजारों महिलाएँ जुट रही है। शुरुआत राघवेंद्र सरकार के पंचकुइया आश्रम से हुई। खंडेलवाल के फाग उत्सव के भजन दिन में रोज 3 बजे से गूंज रहे हैं। दस दिनों तक ये उत्सव चलना है।

उधर मल्हारगंज में ही जय बाबा यानी जयदीप जैन का फागोत्सव ओर रंगारंग बाने की तैयारियां ज़ोर शोर से चल रही है। यहां के बाने में इस बार अयोध्या का राम मंदिर रहेगा जिसमे पीएम के संग सीएम होली खेलते नजर आएंगे। जूनियर अमिताभ बच्चन भी साथ रहेंगे। ऐसी ही तेयारी छिपाबाखल में डॉ सुमित त्रिवेदी भी कर रहे हैं। त्रिवेदी बृज की लट्ठमार होली को इन्दौर की धरती पर उतारेंगे। इसमे भगोरिया नृत्य, युवतियों की शस्त्रकला का प्रदर्शन भी होगा। अहिल्या पूरा में सत्तू पहलवान की फाग की जाजम की तैयारी भी जोरो पर है जहां मशहूर भजन गायक द्वारका मंत्री के फाग गीत गूंजेंगे। 

 *गोरधननाथ जी के रसियाओं की बात ही निराली* 

 *शहर में सबसे पहले रंग की मस्ती और भक्ति प्राचीन गोवर्धननाथ मन्दिर से शुरू होती हैं। यहां भगवान गोवर्धननाथ बसंत पंचमी से होली खेलना शुरू कर देते हैं। यहां का समूचा वातावरण बृज बरसाना वृंदावन सा हो जाता हैं। गोवर्धननाथ मन्दिर से जुड़े रसियाओं की बात सबसे निराली और अनूठी हैं। चंग ढप, ताल, पखावज, किन्नरी, झालरी आदि वाद्य यंत्रों के संग ठाकुरजी के समक्ष कीर्तन और रसिया गान की रोज रसवर्षा हो रही हैं। प्रभु के समक्ष तरह तरह के स्वांग रचाये जा रहे हैं। मन्दिर का राजभोग और शयन दर्शन इस सबका रोज साक्षी बन रहा है। शास्त्रीय रागों पर आधारित कीर्तन और रसिया गान गाये जा रहे है। यहां की कीर्तन मंडली का अपने सर्वेश्वर के प्रति भाव देखते ही बन रहा हैं। कीर्तन मंडली न केवल किशन कन्हाई, बल्कि बलदाऊ जी यानी बलराम जी के समक्ष भी प्रतिदिन रसिया गान कर रही है। आखिर बृज के राजा बलदाऊ जी जो ठहरे। दोनो भाई की होली संग संग चल रही है।* 

 *होलिका दहन को लेकर संशय* 

इस बार होलिका दहन कब? ये सवाल शहर में चर्चा में है। कारण बना है होलाष्टक। आमतौर पर होलाष्टक आठ दिन का होता है। इस बार ये 9 दिन का है। इसलिए ये संशय बना। आठ दिन के होलाष्टक के हिसाब से 6 मार्च का दिन होलिका दहन का होता है और 7 मार्च को धुलेंडी। लेकिन 9 दिवसीय होलाष्टक होने से अधिकांश जगह 7 की होली ऒर 8 को धुलेंडी मानी जा रही हैं। पुलिस प्रशासन की तैयारी भी इसी हिसाब से है।

इंदौर (शहर में होली का पर्व अपने रंग खूबसूरत अंदाज में बिखेरने लगा है। जगह-जगह विभिन्न गतिविधियों के साथ इस पर्व का आनंद लिया जा रहा है। कहीं मंदिरों में भक्त अपने आराध्य के साथ फाग खेल रहे हैं तो कहीं सामाजिक संस्थाओं द्वारा फागोत्सव आयोजित किया जा रहा है। भजनों, फाग के गीत, फिल्मी गीत के साथ होली के उल्लास का भरपूर आनंद लिया जा रहा है तो महिला मंडलों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्पर्धाओं के जरिए उत्सव मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को भी शहर में विभिन्न स्थानों पर फाग महोत्सव आयोजित किए गए। रणजीत हनुमान मंदिर में सुबह जय रणजीत भक्त मंडल द्वारा फाग महोत्सव आयोजित किया गया। फूलों की पंखुड़ियों और इत्र की फुहार से खेले गए इस महोत्सव में भक्तों ने भजनों का भी आनंद लिया।

कबीटखेड़ी स्थित खाटू श्याम मंदिर के समीप फाग उत्सव आयोजित किया गया। आयोजन में मंदसौर के कलाकारों ने भजनों की मधुर प्रस्तुतियां दी। आयोजक सुरेंद्र पाल ने बताया कि महोत्सव में खाटू श्याम का दरबार भी सजाया गया। भक्तों ने भजनों का आनंद भी लिया और रंग-गुलाल व फूलों से जमकर फाग खेला। इस अवसर पर विधायक रमेश मेंदोला व गोलू शुक्ला भी मौजूद थे।

श्री दशा नेमा समाज धर्मशाला – लोक नृत्य का जमा रंग

श्री बीसा नीमा महिला मंडल द्वारा श्री दशा नेमा समाज धर्मशाला में फाग उत्सव मनाया गया। गोवर्धन नाथ मंदिर की शुभलक्ष्मी महाराज के मुख्य आतिथ्य में हुए इस महोत्सव में राधा-कृष्ण नृत्य, गरबा और लोक नृत्यों का रंग जमा। संयोजक गोविंद साखी ने बताया कि आयोजन में करीब पांच सौ महिलाएं शामिल थीं। फूल और इत्र से महिलाओं ने फाग का आनंद लिया। शाम को यमुनाजी की आरती भी की गई।

बीकानेर में होली अब परवान चढ़ने लगी है, खासकर परकोटे के भीतर कहीं मंदिरों में फाग उत्सव चल रहे हैं तो कहीं चंग की थाप पर झूमते मस्ताने दिखते हैं।

शहर के नत्थूसर गेट से मोहता चौक, हर्षों के चौक से व्यासों के चौक, दम्माणी चौक, आचार्यों के चौक सहित परकोटे के अधिकांश मोहल्लों में इन दिनों होली का माहौल दिखता है। बारह गुवाड़ चौक में सबसे ज्यादा होली की मस्ती है। यहां फाग गाते कलाकार भगवान श्रीकृष्ण को रिझाते नजर आते हैं तो सगे संबंधियों पर प्यार भरी छींटाकशी भी गीतों में करते हैं। एक तरफ चंग पर संगीत दिया जाता है तो दूसरी तरफ नाचते-गाते युवा नजर आते हैं। सिर पर पगड़ी और गुलाल से भरे चेहरे हर कहीं फाग का आनन्द लेते भी दिखते हैं।

दम्माणी चौक स्थित बड़ा गोपाल मंदिर में आज से होली तक लगातार फाग उत्सव का आयोजन होगा। वहीं लक्ष्मीनाथ मंदिर में भी फाग का आयोजन हो रहा है। यहां मथुरा के कलाकारों की ओर से रास भी होगा। हर साल यहां होने वाले आयोजन में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी हिस्सा लेती है। गुलाब के फूलों से तरबतर रहने वाले मंदिर में उत्सव का माहौल नजर आता है। उधर, धरणीधर मंदिर में आज व कल रास लीला व फागोत्सव का आयोजन होगा। जमनादास कल्ला की रम्मत सोमवार को कीकाणी व्यासों के चौक में आयोजित होगी।

निकलेगी गेवर

शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर अनेक जातियों की गेवर निकाली जाती है। इस दौरान पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। सोमवार को व्यास जाति की गेवर निकलेगी। इससे पहले सेवग जाति ने गेवर निकालकर होली के कार्यक्रमों का आगाज किया था।

हर्ष व्यास पानी खेल

बीकानेर में हर्ष और व्यास जाति के बीच पानी का खेल मंगलवार को खेला जाएगा। इस दौरान दोनों जाति के लोग एक दूसरे पर पानी से वार करते हैं। चमड़े की बनी एक डोलची में पानी डाला जाता है।

चौक में रम्मत

रविवार को बिस्सों के चौक में भक्त पूर्णमल की रम्मत होगी। इसके बाद सोमवार को कीकाणी व्यासों के चौक में जमनादास कल्ला की रम्मत होगी। सोमवार को ही बारह गुवाड़ में स्वांग मेहरी की रम्मत होगी। मंगलवार को मरुनायक चौक में हड़ाऊ मेहरी की रम्मत होगी। इसी दिन आचार्यों के चौक में अमर सिंह राठौड़ की रम्मत होगी। वहीं बारह गुवाड़ में शहजादी नौटंकी की रम्मत होगी।

फागणियां फुटबॉल

बीकानेर में पुष्करणा स्टेडियम में हर साल की तरह इस बार भी फागणियां फुटबॉल होगी। इसमें तरह तरह के स्वांग बनकर खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं। इस बार प्रधानमंत्री मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का स्वांग बनने की तैयारी चल रही है। पांच राज्यों के चुनाव का असर इस मैच पर भी दिखाई देगा।

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