*धान खरीद न होने तथा राइस मिल चालू न होने पर पंजाब बंद किया जाएगा*
*किसान संघर्ष समिति की 322वीं किसान पंचायत संपन्न*
आज किसान संघर्ष समिति की 322वीं किसान पंचायत किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। किसान पंचायत में देश के विभिन्न किसान संगठनों के किसान नेता शामिल हुए।
किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि आज सप्त क्रांति के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है। जिन्होंने पिछड़ा पावे सौ में साठ, दाम बांधो, हिमालय बचाओ, जेल- वोट-फावड़ा, जिंदा कौमें 5 साल इंतजार नहीं करती, सड़के जब सुनी हो जाती है, तब संसद बांझ हो जाती है, तीन आने बनाम पंद्रह आने बनाने को केंद्रित कर, गैर बराबरी की बहस खड़ी की जो समाज परिवर्तन के सूत्र के तौर पर आज भी प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि 7-8 अक्टूबर को दक्षिण भारत के बैंगलोर में पांच राज्यों के किसान संगठनों की बैठक हुई। आने वाले समय में पूर्वोत्तर के राज्यों की बैठक भुवनेश्वर में होगी जिसका मकसद पंजाब और हरियाणा की तरह किसान आंदोलन के केंद्र विकसित करना होगा।
उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चे की जनरल बॉडी की बैठक होगी तथा 14 अक्टूबर को भोपाल में मध्य प्रदेश के किसान संगठनों की बैठक होगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा से सबक सिखते हुए किसान संगठनों को महाराष्ट्र और झारखंड में पूरी ताकत झोंकनी चाहिए ताकि किसानों की लूट और कॉर्पोरेट को छूट देने वाली भाजपा पर अंकुश लगाया जा सके।
बिहार से अ भा कि महासभा के महासचिव एवं सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि पिछले लोकसभा सत्र में विपक्ष के मेंबरों द्वारा कई प्राइवेट बिल लाए गए थे, उन पर सदन में चर्चा भी चल रही थी लेकिन चर्चा के बीच में प्रधानमंत्री के आने के बाद प्राइवेट बिल पर चर्चा बंद कर दी गई।
उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट राज में किसानों को अपनी लड़ाई जारी रखनी होगी। किसान आंदोलन की गुंज सड़कों पर भी और संसद के भीतर भी गूंज रही है।
उन्होंने कहा कि जब तक जल, जंगल, जमीन आदिवासियों के हाथों में था, तब तक स्वच्छ जल, वायु और पर्यावरण था लेकिन जब से जल, जंगल, जमीन पर कॉर्पोरेट का कब्जा हुआ है तब से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है।
उड़ीसा से लोकशक्ति अभियान के संयोजक प्रफुल्ल सामंतरा ने कहा कि उड़ीसा में डबल इंजन की सरकार है फिर भी जल, जंगल, जमीन की लूट जारी है । धान की एम एस पी (सी 2+ 50%) पर खरीद नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन पर कॉर्पोरेट का कब्जा होने से विस्थापन की संभावना बढ़ गई है।
हरियाणा से अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष काम. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों की MSP खरीद की गारंटी दे रही थी लेकिन उसके सत्ता में आते ही धान को कोई खरीद नही रहा है। किसानों को प्रति क्विंटल 200/- का घाटा उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की अप्रत्याशित जीत के पीछे बहुत बड़ी तिकड़म है। कांग्रेस के लगभग 20 विद्रोही उम्मीदवारों को भाजपा ने मैदान में खड़े रखा और उनको कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार की पराजय के मार्जिन से कहीं अधिक वोट मिले और भाजपा के उम्मीदवार आसानी से जीत गए।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के हस्तक्षेप से चुनाव में दर्जनों मंत्रियों व अन्य भाजपा नेताओं को धूल चटाई है।
पंजाब से पंजाब किसान यूनियन के महासचिव गुरनाम सिंह है भिक्की ने कहा कि पंजाब में धान की खरीदी नहीं की जा रही है। अधिकतर राइस मिल बंद है। किसान संगठनों, राइस मिल एसोसिएशन और आढ़तियों की बैठक बेनतीजा रही। कल पंजाब के किसान 3 घंटे पंजाब में चक्का जाम करेंगे। 14 अक्टूबर को फिर बैठक होगी यदि सरकार ने राइस मिल चालू कराकर खरीद शुरू नहीं कराई तो पूरा पंजाब बंद होगा।
छत्तीसगढ़ से अ भा कि यूनियन के महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि छत्तीसगढ़़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है। मुख्यमंत्री से राज्य की जनता को उम्मीद थी कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून का पालन किया जाएगा लेकिन अडानी जैसे कॉरपोरेट के लिए जल, जंगल जमीन की खुली लूट को तेजी से बढ़ाया है और इसके लिए आदिवासियों का दमन निर्ममतापूर्वक किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून का पालन करने, 3217 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 5 नवम्बर से धान खरीदी करने, भूपेश बघेल सरकार के धान खरीदी का एक क़िस्त बकाया राशि का भुगतान करने, जंगली सुअर को वन्यप्राणी अधियम से बाहर करने, आवारा पशुओं का व्यवस्थापन करने, जंगली हाथियों से हताहत परिवारों को 12 लाख रुपये मुवावजा देने सहित विभिन्न विषयों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा रीवा के संभागीय संयोजक एड शिव सिंह ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से हरियाणा सहित देश भर के किसानों को यह उम्मीद थी कि हम इस बार बीजेपी से बदला ले लेंगे, हरियाणा एक उदाहरण बनेगा लेकिन हमें अब विपक्षी दलों से भी उम्मीद नहीं रह गई है। हमें एमएसपी सहित अन्य मुद्दों की लड़ाई बड़े स्तर पर फिर से लड़नी पड़ेगी।
किसान संघर्ष समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष एड आराधना भार्गव ने कहा कि सरकार एक ओर विदेशों से पाम तेल आयात कर किसानों की उपज को उचित दाम नही दे रही वहीं दूसरी ओर पाम तेल के सेवन से देश के नागरिकों के स्वास्थ्य पर बूरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार देश के किसानों को कृषि कार्यों के लिए सब्सिडी पर खाद, बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध कराये तो किसान उच्च गुणवत्ता की उपज तैयार कर सकते हैं।
किसान संघर्ष समिति के महामंत्री भागवत परिहार ने कहा कि सरकार को किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कर्ज नही, सस्ते दाम पर संसाधन मुहैया कराए जाने चाहिए। किसानों के लिए कर्ज चुकाना आसान काम नही है क्योंकि किसान प्रकृति और बाजार दोनों पर निर्भर होता है। प्रकृति और बाजार दोनों किसान के हाथ में नही है। इसलिए किसान कर्ज में डूबा रहता है।
भागवत परिहार
कार्यालय सचिव, किसंस, मुलतापी
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