Site icon अग्नि आलोक

समय और सही रेट पर खाद्य न मिलने और बिजली के हर समय कट से परेशान हैं प्रतापगढ़ का किसान

Share

मलिया गांव में रासायनिक खाद के लिए  एक निजी व्यापारी की दुकान के सामने लगी लंबी कतार। *यह स्थिति दिन के साढ़े ग्यारह बजे की है,यह लोग सुबह साढ़े छह बजे यहां लाइन लगाए खड़े हैं,सेठ जी ने अभी दुकान नहीं खोली है*।

कल पड़ोस में सुहागपुरा की  एक निजी दुकान पर *यूरिया का एक कट्टा 400/ में बेचा जा रहा था*, स्थानीय प्रशासन को शिकायत करने पर 270/ पर बेचा गया। सवाल यह है कि क्या यह सब सरकार और उसके कारिंदों के ध्यान में नहीं है। ऐसा मान लिया जाना सरकारी व्यवस्था की आपराधिक लापरवाही की अनदेखी कर जनता की लूट को लाइसेंस देने जैसा होगा! 

 इतना ही नहीं, यह समय फसल में डी ए पी खाद डालने का है, परन्तु डी ए पी बाजार से नदारद है। 

 इस क्षेत्र में *किसानों को बिजली किस समय दी जायेगी, निश्चित नहीं है*। किसान रात में जगकर इंतजार करता है। *6 से सात घंटे बिजली दी जा रही है, परन्तु इस अवधि में रोज आठ से दस बार कट लगता है*। किसान का एक पैर खेत के क्यारे में तो दूसरा बिजली की मोटर की स्टार्टर की गुमटी पर रहता है। बिजली वितरण कम्पनियां बिल पूरा वसूली करती है परन्तु अबाध सप्लाई की बात नहीं करती किसान परेशान हैं। चुने हुए प्रतिनिधि,एम एल ए,   एम पी गांवों की तरफ रूख ही नहीं करते। 

*अखिल भारतीय किसान महासभा ने इस अव्यवस्था को चाकचोबंद करने सहित तमाम और मांगों के साथ 28 नवंबर को  प्रतापगढ़ मुख्यालय पर रैली प्रदर्शन* (जनाधिकार रैली) का ज्ञापन देकर मांग करने का कार्य क्रम बनाए हैं। इस हेतु जिलेभर में संपर्क अभियान जारी है।

Exit mobile version