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गुस्से में किसान:बोवनी कर चुके किसान यूरिया के लिए भटक रहे, आश्वासन टूट रहा, सड़क पर उतरना बनी मजबूरी

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हाेशंगाबाद

प्रशासन भले जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा हाे लेकिन यूरिया वितरण केंद्राें पर लगी किसानाें की भीड़ हकीकत बयां कर रहे हैं। चार साल बाद पहली बार जिले में किसानाें काे यूरिया का संकट झेलना पड़ रहा है। जिले में 1 लाख 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड है, लेकिन अभी तक करीब 53 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति ही हाे पाई है।

बोवनी कर चुके किसान यूरिया लेने रतजगा कर रहे हैं, ताे टाेकन मिलने के बाद भी यूरिया नहीं मिल रहा है। सरकार किसानाें के हित की रणनीति पर काम करने की बात कह रही है लेकिन किसानाें का राज नहीं किसान नाराज हैं। यूरिया के लिए हर दिन हो रही फजीहत से किसान नाराज हैं और प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। होशंगाबाद संभागीय मुख्यालय के अलावा इटारसी, पिपरिया, बनखेड़ी, पिपरिया सहित सभी जगह यूरिया का संकट है।

यूरिया नहीं मिलने से नाराज किसानों ने सिवनी बानापुरा स्थित ओवरब्रिज के पास गुरुवार दोपहर में चक्काजाम किया। बानापुरा में अधिकारियों ने किसानों को टोकन बांट दिए जब किसान टोकन लेकर पहुंचे तो यूरिया नहीं मिला। किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

नाराज किसानों ने हरदा-होशंगाबाद मुख्य मार्ग के ओवरब्रिज पर ट्रैक्टर ट्राॅली खड़ी कर आधे घंटे से अधिक समय तक चक्काजाम किया। किसानों ने जमकर नारेबाजी की। किसानों के मुताबिक यूरिया के लिए झूठा आश्वासन दिया जा रहा है।

किसानों के चक्काजाम में विधायक प्रेमशंकर वर्मा भी फंसे। विधायक ने किसानों को समझाइश दी। मौके पर पहुंचे एसडीएम अखिल राठौर, तहसीलदार प्रमेश जैन, नायब तहसीलदार महिमा मिश्रा, ललित सोनी, थाना प्रभारी जितेंद्र यादव सहित पुलिस अमले में किसानों को समझाइश देकर जाम खुलवाया।

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