अग्नि आलोक

घटनाओं पर फिल्मों का तो हुआ ऐलान पर हकीकत में क्या है हाल

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पिछले दिनों जब भारत का मिशन ‘चंद्रयान 3’ कामयाब हो गया तो पूरे देश के साथ फिल्म इंडस्ट्री वाले भी बेहद खुश थे। कोरोना से पहले भारत के मंगलयान प्रोजेक्ट पर सुपरहिट फिल्म ‘मिशन मंगल’ बनाने वाले फिल्म डायरेक्टर जगनशक्ति ने तो तुरंत मिशन ‘चंद्रयान-3’ की सफलता पर फिल्म बनाने की बात कह दी। वहीं, अक्षय कुमार के चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर उनसे भी मिशन ‘चंद्रयान-3’ पर फिल्म बनाने की मांग कर डाली, क्योंकि फिल्म ‘मिशन मंगल’ के लीड हीरो अक्षय ही थे। यही नहीं, एक उत्साही फैन ने तो भारत के ‘कोरोना वैक्सीन’ मिशन पर साइंस फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री से भी भारत के ‘चंद्रयान’ मिशन पर फिल्म बनाने की मांग कर डाली। इसके जवाब में विवेक ने भी हामी भर दी।

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इनमें से कितनी फिल्में परवान चढ़ पाएंगी? दरअसल आजकल यह ट्रेंड आम हो गया है कि कोई भी बड़ी घटना होने पर फिल्म निर्माताओं में उस विषय पर फिल्म बनाने की घोषणा करने व उससे जुड़े टाइटल रजिस्टर कराने की होड़ लग जाती है। लेकिन यह भी सच है कि आप किसी विषय पर फिल्म तब तक नहीं बना सकते, जब तक कि आपके पास कोई अच्छी कहानी नहीं हो।

काफी रिसर्च वर्क की होती है जरूरत

‘मिशन मंगल’ फिल्म
किसी भी फिल्म को बनाने के लिए काफी रिसर्च वर्क की जरूरत होती है। फिल्म इंडस्ट्री के जानकार कहते हैं कि यह सच है कि आजकल सोशल मीडिया के जमाने में घटनाएं बेहद तेजी से लोगों तक पहुंचती हैं, लेकिन यह भी सच है कि उसके कुछ अरसे बाद ही किसी और घटना के घटने पर लोग पहले वाली घटना को उतनी ही तेजी से भुला भी देते हैं

मेकर्स के सामने होती है बड़ी चुनौती

‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’
अगर कोई फिल्म निर्माता किसी खास घटना पर फिल्म बनाने की प्रक्रिया शुरू भी करता है, तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती फिल्म के लिए कोई अच्छी कहानी वाली स्क्रिप्ट तैयार करने की होती है। उसके बाद फिल्म की कास्टिंग से लेकर लोकेशन से लेकर प्रोडक्शन तक में करीब एक से डेढ़ साल का वक्त आसानी लग जाता है। जाहिर है कि अगर कोई निर्माता किसी समसामयिक घटना पर उसके घटने के डेढ़ या दो साल बाद फिल्म रिलीज करता है तो इस दौरान कई और बड़ी घटनाएं घट चुकी होती हैं। ऐसे में, उसके सामने बड़ा रिस्क होता है कि दर्शक कैसा रिस्पॉन्स करेंगे।

फिल्म परवान नहीं चढ़ी

मसलन साल 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हुई झड़प की घटना के बाद अजय देवगन समेत कई फिल्म निर्माताओं ने इस मामले पर फिल्म बनाने की घोषणा की थी। वहीं इससे पहले साल 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकवादी कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद विवेक ओबेरॉय और डायरेक्टर उमंग कुमार ने ‘बालाकोट द ट्रु स्टोरी’ और निर्माता संजय लीला भंसाली व भूषण कुमार ने डायरेक्टर अभिषेक कपूर और तेलुगू सितारे विजय देवरकोंडा के साथ मिलकर एक फिल्म बनाने की प्लानिंग की थी। इनके अलावा कई दूसरे फिल्म निर्माताओं ने एयर स्ट्राइक पर आधारित कई दूसरी फिल्मों के टाइटल रजिस्टर कराए थे। लेकिन अभी तक कोई भी फिल्म परवान नहीं चढ़ पाई है।

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