नई दिल्ली, बिच्छू डॉट कॉम। देश की नदियों में प्रदूषण से व्यथित सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इन नदियों को सुधारने का बीड़ा उठाया। कोर्ट ने यमुना नदी से इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा है कि सीवर के पानी से दूषित हो रही नदियों को सुधारने का वक्त आ गया है। दरअसल, यमुना में अमोनिया के खतरनाक स्तर पर दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी नदियों के प्रदूषण दूर करने का निर्णय लिया है। इस मसले को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए पीठ ने कहा है कि इसका असर न केवल आम जनता पर पड़ता है बल्कि उन सभी जीव जंतुओं पर पड़ता है जो भूजल पर आश्रित हैं। स्वच्छ पर्यावरण और प्रदूषणमुक्त पानी का अधिकार जीवन जीने के अधिकार के तहत संरक्षित है। यमुना नदी से इसकी शुरुआत करते हुए पीठ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश को नोटिस जारी किया है। साथ ही पीठ ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव, आवासीय व शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है।