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फोर्ड को करीब 2 अरब डॉलर का नुकसान …..कंपनी बंद करेगी प्रोडक्शन, 4000 कर्मचारियों पर होगा असर

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नई दिल्ली

अमेरिकन ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड ने अपने व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्रीज को बंद करने का फैसला लिया है। फोर्ड भारतीय बाजार में लंबे समय से संघर्ष कर रही है। कोविड के बाद कंपनी की हालात ज्यादा खराब हो गई। कंपनी की गाड़ियों की बिक्री में भी लगातार गिरावट आई है। हालांकि, कंपनी अपने ग्राहकों को सर्विसेज देना जारी रखेगी। खबरों की मानें तो कंपनी को करीब 2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

फोर्ड के इस फैसले का असर उसकी फैक्ट्री में काम करने वाले 4000 कर्मचारियों पर होगा। कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने कर्मचारियों से कहा कि वह भारत में तैयार किए गए पॉपुलर मॉडल जैसे कि फोर्ड फिगो, फोर्ड फ्रीस्टाइल का प्रोडक्शन तेजी से कम करेगा। हालांकि, कंपनी साणंद के इंजन प्लांट को चालू रखेगी। दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, साणंद और कोलकाता में कंपनी के पार्ट्स डिपो भी हैं।

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, अनुराग मेहरोत्रा ने कहा, “फोर्ड भारत में ग्राहकों को सर्विस और वारंटी सपोर्ट को जारी रखेगी। फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसे मौजूदा प्रोडक्ट की बिक्री मौजूदा डीलर इन्वेंट्री के बेचे जाने के बाद बंद हो जाएगी। फोर्ड का भारत में एक लंबा और गौरवपूर्ण इतिहास है। हम अपने ग्राहकों और रीस्ट्रक्चरिंग से प्रभावित लोगों के लिए कर्मचारियों, यूनियनों, डीलरों और सप्लायर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

देश में इम्पोर्ट कर सकती है कारें
कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने पुष्टि की है कि फोर्ड ने अपने साणंद (गुजरात) और मराईमलाई (चेन्नई) स्थित प्लांट्स में मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का निर्णय इसलिए लिया है, क्योंकि भारत में उसे कुछ खास मुनाफे के संकेत नहीं दिख रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि कंपनी देश में अपनी कुछ कारों को इम्पोर्ट करके बेचना जारी रखेगी। यह जनरल मोटर्स की तर्ज पर ही काम करेगी, जो 2017 में भारत से बाहर हो गई थी।

गुजरात का इंजन प्लांट चलता रहेगा
कंपनी गुजरात के साणंद में अपने इंजन प्लांट को बरकरार रखेगी और भारत में अपने प्रोडक्ट की सर्विस जारी रखेगी। सूत्रों ने कहा कि कंपनी भारत में अपनी फोर्ड मस्टैंग की बिक्री जारी रखेगी।

साणंद प्लांट पहले बंद होने की संभावना
10% से कम क्षमता पर काम कर रहे साणंद व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के पहले बंद होने की संभावना है। वहीं, चेन्नई प्लांट को ग्लोबल ऑर्डर और भारतीय ऑपरेशन सर्विस के लिए 2022 तक जारी रखा जा सकता है। वहीं, कंपनी भारत में मौजूद मॉडल को सर्विसेज देती रहेगी।

देश भर में फोर्ड के 11 हजार कर्मचारी
भारत में फोर्ड की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मराईमलाई और साणंद में हैं, जहां पर करीब 4,000 कर्मचारी काम करते हैं। साणंद के इंजन प्लांट में 500 से अधिक कर्मचारी हैं। जो सबसे अधिक बिकने वाले रेंजर पिकअप ट्रक के लिए इंजन का प्रोडक्शन करता है। यहां लगभग 100 कर्मचारी पुर्जों के वितरण और ग्राहक सेवा का समर्थन करते हैं। हालांकि, देशभर में कंपनी के 11,000 से अधिक कर्मचारी हैं।

अगस्त में सालना बिक्री 68.1% घटी
अगस्त में फोर्ड ने देश भर में 1,508 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल अगस्त में 4,731 यूनिट्स थीं। यानी कंपनी की बिक्री में 68.1% की गिरावट देखने को मिली। फाडा की रिपोर्ट के मुताबिक, पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में अगस्त में फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की 3,604 गाड़ियों के रजिट्रेशन हुए। वहीं, उसका मार्केट शेयर सिर्फ 1.42% रहा। अगस्त 2020 में कंपनी का मार्केट शेयर 1.90% रहा था।

2018 में हुए थे 10 लाख ग्राहक
फोर्ड ने भारत में 1995 में महिंद्रा से पार्टनरशिप करके एंट्री की थी। उस वक्त कंपनी का नाम महिंद्रा फोर्ड इंडिया लिमिटेड (MFIL) था। फोर्ड इंडिया ने जुलाई 2018 में 1 मिलियन (10 लाख) ग्राहकों के आंकड़ा छुआ था। तब कंपनी के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग मेहरोत्रा ने कहा था कि भारत में 10 लाख ग्राहकों तक पहुंचने पर हमे गर्व हो रहा है। अपने ग्राहकों के विश्वास के लिए हम ऋणी हैं। हम भारत में अपने इस प्रयास को जारी रखेंगे।

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