टीवी न्यूज एंकर और पत्रकार चित्रा त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गुरुग्राम कोर्ट ने चित्रा त्रिपाठी के लिए गिरफ्तारी का आदेश बरकरार रखा है। साल 2013 के एक मामले में चित्रा त्रिपाठी पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण ,पोक्सो ( Pocso) पर केस दर्ज है। ये पूरा मुकदमा आसाराम बापू और एक 10 वर्ष की बच्ची से संबंधित वीडियो से जुड़ा है।
चित्रा त्रिपाठी ने इस मामले में कोर्ट से अग्रिम जमानत यानी एंटीसिपेटरी बेल मांगी थी लेकिन कोर्ट ने ये खारिज कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। सोशल मीडिया पर लोगों को ये जानने में बड़ी दिलचस्पी है कि क्या अब चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ बड़ा एक्शन होगा।
चित्रा त्रिपाठी के अलावा कई पत्रकार इस केस में फंसे इस केस में चित्रा त्रिपाठी के अलावा न्यूज एंकर दीपक चौरसिया, सैयद सुहैल, अजीत अंजुम, राशिद हाशमी, रिपोर्टर सुनील दत्त और ललित सिंह बड़गुर्जर और इंडिया न्यूज के लिए काम करने वाले निर्माता अभिनव राज के खिलाफ पहले ही आरोप तय किए जा चुके हैं। इन सभी लोगों पर एक दस वर्षीय लड़की और उसके परिवार के ‘मॉर्फ्ड, संपादित और अश्लील’ वीडियो प्रसारित करने का आरोप है। इस वीडियो को स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने का भी आरोप है। इन सभी लोगों पर 120 बी, 469 और 471 आईपीसी, धारा 67 बी और 67 IT एक्टक और POCSO Act की धारा 23 और धारा 13सी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अब चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा? अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या एक्शन लिया जाता है और चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं? बता दें कि चित्रा त्रिपार्ठी के लिए गिरफ्तारी वारंट तब जारी किया गया, जब कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी और कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट के लिए उनका आवेदन खारिज कर दिया। चित्रा त्रिपाठी ने कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए छूट इसलिए मांगी थी क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र चुनाव को कवर करना था। चित्रा त्रिपाठी ने कहा था कि उन्हें महाराष्ट्र चुनाव को कवर करने और उपमुख्यमंत्री का इंटरव्यू करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक जा रही थीं। हालांकि कोर्ट ने ये तर्क सुनने के बाद कहा कि वो कोर्ट की कार्यवाही को हल्के में ले रही हैं। चित्रा त्रिपाठी के इस मामले में उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा, उनकी गिरफ्तारी होगी या नहीं…फिलहाल इसपर कोई जानकारी नहीं आई है। ना ही इस मामले में चित्रा त्रिपाटी ने कोई अधिकारिक बयान जारी किया है। हालांकि कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद, आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है। इसलिए चित्रा त्रिपाठी ने वारंट जारी होने के बाद अपने वकील के लिए जरिए अग्रिम जमानत दायर की थी। लेकिन अब ये भी खारिज हो चुका है।
एक बच्ची के ‘संपादित’ ‘अश्लील’ वीडियो प्रसारित करने और वीडियो को आसाराम के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने को लेकरदीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था.
ये है पूरा मामला
दरअसल, नाबालिग बच्ची के एक रिश्तेदार ने इस मामले की शिकायत दी थी. शिकायत में तीन समाचार चैनलों न्यूज़ 24, इंडिया न्यूज़ और न्यूज़ नेशन के खिलाफ रूपांतरित (एडिटेड) वीडियो प्रसारित करने के आरोप लगाए गए थे.
शिकायत में लिखा था, “2 जुलाई 2013 को आसाराम बापू और उनके तीन चार अनुयायी हमारे घर आए. मेरी पत्नी, उनकी सहेलियां और बच्ची भी वहां पर थे. हमने उनकी पूजा की और उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया. एक अनुयायी ने भविष्य के लिए इसका वीडियो बनाया था.”
13 अगस्त 2013 को, एक नाबालिग पर यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर से आसाराम बापू की गिरफ्तारी से दो महीने पहले यह घटना हुई थी. 2018 में आसाराम पर आरोप साबित हुए और उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई.
यह शिकायत 15 दिसंबर, 2013 को दी गई और एफआईआर भी उसी दिन दर्ज हो गई. यह एफआईआर जीरो एफआईआर थी, जो कहीं भी दर्ज कराई जा सकती हैं भले ही कथित अपराध कहीं भी किया गया हो.
शिकायत में कहा गया कि यह वीडियो किसी तरह मीडिया के पास पहुंच गया. बच्ची के रिश्तेदार का कहना था कि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी और उसे न्यूज़ चैनलों पर पत्नी को “सेक्स रैकेट की सरगना” दिखाते हुए प्रसारित किया गया. इसके साथ-साथ “आसाराम का एमएमएस” और “आसाराम की डर्टी पिक्चर” जैसी हेडलाइन भी चलाई गईं. ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान हाशमी ने कहा, “अगर बच्ची आसाराम बापू के साथ अकेली होती तो उसका क्या हुआ होता?”
शिकायत कहती है, “परिवार को बदनाम करने के उद्देश्य से, आसाराम को बच्ची के कंधे पर एक हाथ रखे दिखाया गया था.”
इस मामले में पॉक्सो अधिनियम की धारा 23 के तहत आरोप तय करते हुए जज ने कहा, “आरोपी ने वीडियो को संपादित और रूपांतरित कर पीड़िता को बहुत ही अश्लील और अभद्र तरीके से दिखाया.”
जब वीडियो प्रसारित किया था तब आरोपियों में से तीन लोग- अजीत अंजुम, मोहम्मद सोहेल और जोधपुर के रिपोर्टर सुनिल दत्त न्यूज़24 में कार्यरत थे.
अन्य पांच आरोपी इंडिया न्यूज़ से जुड़े थे. जिसमें मुख्य संपादक दीपक चौरसिया, एंकर चित्रा त्रिपाठी, राशिद हाशमी, जोधपुर के रिपोर्टर ललित सिंह बड़गुर्जर और प्रोड्यूसर अभिनव राज शामिल हैं. चौरसिया अब ज़ी न्यूज़ के कंसल्टिंग एडिटर और एंकर हैं. वहीं, चित्रा त्रिपाठी आज तक से जुड़ी हुई हैं. हाशमी, इंडिया न्यूज़ के कार्यकारी संपादक हैं.