जोरा– बागी समर्पण के स्वर्ण जयंती बर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला के दूसरे दिन आज शुक्रवार को मंच पर वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वतंत्र लेखक जगदीश शुक्ला द्वारा लिखित पुस्तक गांधी के मंत्र ने बदली चंबल की तकदीर का विमोचन सुधेन्दु कुलकर्णी सर्वोदयी विचारक एवं गांधीवादी विचारक डा.राजगोपाल पी,व्ही द्वारा किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने अंचल के एक गौरवपूर्ण इतिहास को पुस्तक के रूप में संजोने के लेखक के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चंबल के इस प्रकार के गौरवपूर्ण इतिहास को संरक्षित करने के कोई प्रयास अभी तक नहीं किए गए यह बहुत अफसोस जनक है जो पीढ़ी अपने इतिहास को विस्मृत कर देती है उसका भविष्य कभी बेहतर नहीं हो सकता उन्होंने कहा कि विस्मृति के गर्त में समाते इस गौरवपूर्ण इतिहास को संरक्षित करने के लिए इस प्रकार के प्रयास की आवश्यकता थी। सर्वथा हिंसक परिवेश में भाई जी पीवी राजगोपाल एवं उनके साथियों द्वारा गांधी जी के अहिंसा के मंत्र को स्थापित करें अंचल में शांति स्थापना कराना अपने आप में अद्भुत चमत्कार है। कार्यक्रम में सर्वोदय संघ के राम धीरज जी गांधीवादी विचारक पीवी राजगोपाल पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्र प्रफुल्ल श्रीवास्तव डोंगर शर्मा दीपक अग्रवाल कुलदीप तिवारी दिलीप जैन ग्राम स्वराज संस्थान के संचालक डॉ अवध प्रसाद करुणा जी आदि विशेष रुप से उपस्थित थे थे पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शुक्ला ने बताया कि पुस्तक मैं आधी सदी पूर्व जोरा में हुए ऐतिहासिक बागी समर्पण के इतिहास सहित बागियों की दहशत,महात्मा गांधी सेवा आश्रम की स्थापना , गांधीवादी विचारक एसएन सुब्बाराव के निर्देशन में आयोजित युवा संस्कार शिविरों के माध्यम से विकास के नए अध्याय की शुरुआत के इतिहास को समेटने का प्रयास किया गया है। लेखक ने पुस्तक में देशभर में चंबल की नकारात्मक एवं हिंसक पहचान स्थापित किए जाने पर भी भी गहरा असंतोष व्यक्त किया है। इस अवसर पर लेखक ने सहयोगियों एवं शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त किया।