लाहौर: पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है और आए दिन उसके नेता IMF या अरब देशों के दरवाजे पर मदद के लिए खड़े रहते हैं. इन सब बुरे दिनों के बाद पाकिस्तान को एक उम्मीद की किरण दिखी है. पाकिस्तान के जियोलॉजिकल सर्वे ने करीब 32.6 मेट्रिक टन सोने का भंडार खोजा है. खबरों के मुताबिक इस विशाल सोने के भंडार की अनुमानित कीमत लगभग 600 बिलियन पाकिस्तानी रुपए है.
आपको ये जानकर हैरानी होगी इंडस रिवर पर मिला ये रिजर्व पहला नहीं है, पाकिस्तान को पहले ही एक जगह और इतना सोना मिल चुका है कि उसकी तीन साल में किस्मत बदल सकती है. पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान में मौजूद रेको डिक खदान अपने बड़े सोने और तांबे के रिजर्व के लिए मशहूर है. ऐसा माना जाता है कि यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सोने का भंडार है और यहां से सोना निकालने का प्रोसेस भी शुरू हो गया है.
पाकिस्तान की इस खदान पर दुनिया के बड़े बड़े देशों की नजर है. कनाडा की कंपनी की पहले ही पाकिस्तान सरकार के साथ डील हो चुकी है और अब सऊदी अरब भी इस खदान के लिए पाक सरकार से बात कर रहा है.
रेको डिक में दुनिया का 5वा सबसे बड़ा तांबे और सोने के भंडार है, जिसमें 0.41 फसद तांबे की ग्रेडिंग वाले 5.9 बिलियन टन अयस्क और 41.5 मिलियन औंस सोने के भंडार होने का अनुमान है, जिसको कम से कम 40 सालों तक निकाला जा सकता है. इस खदान में काम करने वाली कनाडाई कंपनी बैरिक गोल्ड का कहना है कि खदान से पहला उत्पादन 2028 तक शुरू होने का लक्ष्य है. जिसकी क्षमता 90 मिलियन टन हर साल होने की उम्मीद है.
रेको डिक खदान से सोना निकालने के लिए सऊदी अरब सरकार पाक सरकार के साथ बातचीत कर रही है. सऊदी को उम्मीद है कि उसको इस खदान में 15 फीसद हिस्सेदारी मिल जाएगी. बलूचिस्तान प्रांत की रेको डिक कॉपर और गोल्ड माइन प्रोजेक्ट के लिए दोनों देशों के बीच पिछले साल बातचीत शुरू हुई थी.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कैबिनेट ने 540 मिलियन डॉलर में 15 फीसद हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी दे दी है और सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट बलूचिस्तान क्षेत्र में खनिज विकास की मदद करने के लिए 150 मिलियन डॉलर प्रदान करेगा. हालांकि, पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा कि इस सौदे को अभी मंजूरी नहीं मिली है.
इस माइन का 50 फीसद हिस्सा कनाडा की बैरिक गोल्ड के पास है, जो दुनिया की सबसे बड़ी सोने की खनन कंपनियों में से एक है. 25 फीसद हिस्सा पाकिस्तान सेंट्रल सरकार की 3 कंपनियों के पास है और 25 फीसद बलूचिस्तान सरकार के पास है. अगर सऊदी के साछ डील फाइनल हो जाती है, तो इसमें पाक सरकार की 10 फीसद ही हिस्सादारी बचेगी.