नई दिल्ली
सर्च इंजन गूगल अपने क्षेत्र में एकाधिकार की वजह से भारत में भी अनुचित लाभ कमा रहा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) की शिकायत के बाद CCI ने माना कि गूगल प्रथमदृष्ट्या प्रतिस्पर्धा कानून के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करता नजर आ रहा है।
ऑनलाइन विज्ञापन और ऐप डेवलपर्स से प्लेस्टोर के नाम पर मनमाना कमीशन वसूलने को लेकर गूगल भारत में पहले से जांच के घेरे में है। आयोग ने ताजा आदेश में माना है कि गूगल एकाधिकार का दुरुपयोग कर डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स पर अनुचित शर्तें थोप रहा है।
गूगल पर आरोप है कि उसका सर्च इंजन मनमाने तरीके से खोज के नतीजे तय करता है।
विज्ञापन राशि का काफी बड़ा हिस्सा गूगल रख रहा
आयोग ने गूगल और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के विरुद्ध जांच रिपोर्ट 60 दिन के भीतर तलब की है। DNPA ने शिकायत में कहा कि गूगल एल्गोरिदम से मनमाने तरीके से तय कर देता है कि कोई जानकारी खोजने पर कौन सी वेबसाइट ऊपर दिखेगी। यही नहीं, भारतीय न्यूज प्रकाशक गुणवत्तापूर्ण कंटेंट के लिए बड़ा निवेश करते हैं, लेकिन इसे दिखाने के एवज में मिलने वाली विज्ञापन राशि का काफी बड़ा हिस्सा गूगल रख लेता है, जबकि वह कंटेंट क्रिएट नहीं करता।
पब्लिशर्स का ही कंटेंट दिखाकर अनुचित लाभ ले रहा
गूगल न्यूज जैसे प्लेटफॉर्म पर भी वह पब्लिशर्स का ही कंटेंट दिखाकर अनुचित लाभ ले रहा है। आयोग ने कहा, लोकतंत्र में न्यूज मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बड़ी टेक कंपनियां अपने एकाधिकार का दुरुपयोग न करने पाएं। सभी स्टेकहोल्डर्स में विज्ञापन राजस्व का उचित बंटवारा होना चाहिए।
फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया में जुर्माने का भुगतान करना पड़ा
CCI ने अपने आदेश में फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के नए नियमों का भी उल्लेख किया, जिसके बाद गूगल को स्थानीय समाचार प्रकाशकों को उचित भुगतान के लिए राजी होना पड़ा। वहीं, यूरोपियन यूनियन भी टेक कंपनियों द्वारा पब्लिशर्स को भुगतान करने का कानून बना रही है जिससे बचने के लिए गूगल विरोध कर रहा है।