*सरकार नौकरशाहों के जरिए विपक्ष को कुचलने का कर रही प्रयास
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*इन्दौर (प्रकाश महावर कोली)।
धर्म के नाम पर दलितों सहित देश व प्रदेश के लाखों करोड़ों लोगों को गुमराह कर अपना राजनैतिक वजूद हासिल करने और सत्ता की सिरमोर बनी सत्तारुढ़ भाजपा ही कोरोना जैसी महामारी का खोफ दिखा कर नौकरशाहों के जरिए लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का काम ही नहीं कर रही बल्कि विपक्ष सहित आमजन के आक्रोश को भी कुचलने का काम कर रही है। शहर में धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार का षड़यंत्र मात्र है
*मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने प्रदेश की शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कमलनाथ की सरकार बनाई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 24 समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर कांग्रेस की सरकार को खरीद-फरोख्त के जरिए गिराकर शिवराजसिंह चौहान को सत्ता सौंप दी थी। जब से शिवराज ने प्रदेश की सत्ता सम्हाली है, तभी से प्रदेश में अराजकता, दलित अत्याचार, माफिया राज, गुण्डागर्दी, महिला उत्पीड़न का बोलबाला हो गया है। यहां तब कि प्रदेश की जनता मंहगाई की मार भी झेल रही है।कोरोना काल की बात करें तो भाजपा के शीर्ष नेता से लेकर कार्यकर्ता घरों में दुबके रहे या रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में ही व्यस्त रहे। खेर, अब लगभग कोरोना खत्म हो गया है, ऐसे में भी सरकार के इशारे पर नौकरशाह कोरोना का खोफ दिखाकर धार्मिक आयोजनों की अनुमति न देकर केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा हैं, बल्कि इन्दौर की 100 साल पुरानी परम्पराओं को भी समाप्त करने की साज़िश में लगे हैं।
*विपक्ष की आवाज व जनाक्रोश को दबाने की गहरी साज़िश*
जैसा कि सभी जानते हैं कि शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जहां आम जनता में भारी आक्रोश है, वहीं कांग्रेस भी जनहित में भाजपा की शिवराज सरकार के खिलाफ मुखर होकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आव्हान एवं नेतृत्व में सड़क पर उतर कर लगातार जनआंदोलन कर रही है। ऐसे में सरकार के इशारे पर नौकरशाह कांग्रेसजनों पर मुकदमें लाद रहे हैं, जबकि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और उसके मातहत संगठन खुलेआम जनआशीर्वाद रैली से लेकर अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित कर हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा कर रहे हैं, लेकिन उन पर किसी भी प्रकार से न तो रोक-टोक लगाई जा रही है, न ही कोई कार्यवाही की जाती है, यहां तक कि उनपर नामजद प्रकरण भी दर्ज नहीं किए जाते हैं। जबकि विपक्ष द्वारा जनहित में किसी भी प्रकार के कोई आन्दोलन, मिटिंग्स या धरना – प्रदर्शन इत्यादि किया जाता है, तो उन पर द्वेषतापूर्वक प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं, यहां तक कि कांग्रेस नेताओं पर जिलाबदर वह रासुका तक की कार्यवाही की जा रही है।
*किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं देना, यह भी साजिश का हिस्सा है*धर्म के नाम पर राजनीति करने, राजनैतिक रोटियां सेंकने एवं सत्ता हथियाने वाली भाजपा ही आज धर्म की सबसे बड़ी दुश्मन बनी बैठी होकर धार्मिक आयोजनों की अनुमति तक जिला प्रशासन के माध्यम से नहीं देने दे रही है।इसमें जो बातें छन कर सामने आ रही है, उसमें कांग्रेस की सक्रियता सबसे बड़ा कारण है।, इसके अलावा यह बात भी आमजन को आक्रोशित कंकर रही है कि भाजपा ने खरीद-फरोख्त कर कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए 24 विधायकों को सिंधिया के माध्यम से अपने पाले में लेकर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की सत्ता हथियाने में कामयाब हो गई। यहां यह कहना भी न्यायोचित ही होगा कि भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या करने तथा भारतीय संविधान का उलंघन करने से भी नहीं चूक रही है।दूसरा सरकार के संरक्षण में कोरोना से सम्बंधित इंजेक्शन, दवाई और हास्पीटलों में बेड की कालाबाजारी। तीसरा पेट्रोल-डीजल सहित गैस की बैसूमार मूल्यवृद्धि तथा विपक्षी प्रदर्शनों पर उनके नेताओं पर द्वेषपूर्ण तरीके से प्रकरण दर्ज कराना।ऐसे कई मामले हैं, जिससे आमजनता भी आक्रोशित नजर आ रही है, कांग्रेस एवं जनाक्रोश को देखते हुए ही सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन में बैठे नौकरशाहों ने इन्दौर शहर में किसी भी प्रकार के आन्दोलन, धार्मिक से लेकर सामाजिक कार्यक्रमों की अनुमति पर प्रतिबंध लगा रखा है।