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शहर के बाहरी इलाके कस्टमर्स की पसंद बने, नेचर के साथ जुड़ाव के लिए ग्रीन बिल्डिंग ज्यादा बनेंगी

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अलग-अलग सेक्टर्स के लिए 2021 कैसा रहेगा? तो आइये जानते हैं कि mahindra lifespaces के सेल्स ऑफिसर विमलेंद्र सिंह का इस बारे में क्या कहना है…

दूसरे सेक्टर्स की तरह रियल एस्टेट ने भी कोरोना महामारी का दंश झेला है। लॉकडाउन और अनिश्चितताओं के कारण अप्रैल से जून 2020 तक कंस्ट्रक्शन का काम और घर खरीदना, दोनों रुक गया था। उसके बाद सेल और कस्टमर्स की तरफ से पूछताछ बढ़ने लगी। महामारी के कारण इस सेक्टर के सामने आई चुनौती से निपटने के लिए इनोवेशन और नए तरीके की सोच को भी बढ़ावा मिला।

अब घर खरीदार और इन्वेस्टर दोनों लौटने लगे हैं। 2021 में रेसिडेंशियल रियल एस्टेट में लगातार ग्रोथ दिखने की संभावना है। बाजार अब खरीदारों के हिसाब से चल रहा है। फंडामेंटल भी मजबूत हैं। इसलिए उम्मीद है आने वाले दिन अच्छे रहेंगे।

रियल एस्टेट में टेक्नोलॉजी को अपनाने की गति बढ़ी है। चाहे वह कंस्ट्रक्शन में हो या मार्केटिंग और सेल्स में। लोगों का एटीट्यूड और उनकी आदतें बदली हैं। अब रियल्टी की ऑनलाइन खरीदारी हकीकत बन गई है। हमने अपने कुछ प्रोजेक्ट में लॉन्चिंग के तीन हफ्ते के भीतर 300 से ज्यादा घर बिना खरीदारों से मिले बेचे। उन्होंने साइज विजिट भी नहीं की। आगे हमारा मानना है कि खरीदार डिजिटल और फिजिकल, दोनों तरीका अपनाएंगे।

खरीदारों में बड़ा हिस्सा NRI, सैलरी पाने वाले प्रोफेशनल और मिलेनियल होंगे। वे ऐसे घरों की मांग करेंगे जो डिजाइन के लिहाज से घर के सभी सदस्यों की जरूरतें पूरी करें।

अब निवेश नहीं, सुरक्षित जीवन के लिए घर खरीद रहे लोग

महामारी के कारण लोग लंबे समय तक घरों में रहे। घर से काम करने का चलन भी काफी बढ़ गया। इस लिहाज से देखें तो रियल एस्टेट में काफी बदलाव आए हैं। एक एसेट क्लास के रूप में लोग घर को तरजीह देने लगे हैं। एक समय रियल एस्टेट निवेश का बड़ा जरिया माना जाता था। अब लोग बेहतर और सुरक्षित जीवन के लिए घर खरीद रहे हैं।

सबसे निचले स्तर पर होम लोन की ब्याज दर

नीति बनाने वालों ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। होम लोन पर ब्याज की दरें सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने सही समय पर स्टांप ड्यूटी में भी कटौती की। इससे जो लोग घर खरीदने के बारे में सोच रहे थे, उन्होंने जल्दी घर खरीदने का फैसला किया। ग्राहकों की डिमांड ऑर्गेनाइज्ड और कॉरपोरेट डेवलपर्स की तरफ ज्यादा है। खास कर वे डेवलपर जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और जो ग्राहकों की डिमांड के अनुसार घरों को डिजाइन कर रहे हैं।

छोटे बेचकर बाहरी इलाकों में बड़े घर खरीद रहे लोग

अनेक खरीदार ऐसे हैं, जो छोटा घर बेचकर बड़ा घर खरीद रहे हैं। शहर के बाहरी इलाके लोगों को ज्यादा पसंद आ रहे हैं, क्योंकि वहां कीमत कम होती है, जगह ज्यादा मिलती है और प्रदूषण भी कम रहता है। आने वाले समय में खरीदार गेट वाली सोसायटी में ही घर खरीदना पसंद करेंगे।

नए घरों में सैनिटाइजेशन जोन, वर्क स्टेशन की मांग बढ़ेगी

अपार्टमेंट या बिल्डिंग का डिजाइन भी इन दिनों फोकस में है। दशकों तक इनका फंडामेंटल डिजाइन एक सा रहा है। अब इन्हें सेहत और भविष्य की दूसरी जरूरतों के मुताबिक ढाला जा रहा है।

घर के भीतर की जगह को लचीला बनाया जा रहा है ताकि खरीदार अपनी जरूरत के मुताबिक उसका इस्तेमाल कर सके। आने वाले दिनों में घर में अलग सैनिटाइजेशन जोन, वर्क स्टेशन और फिजिकल फिटनेस के इंतजाम की मांग होगी। यह सब रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट का हिस्सा बन जाएंगे।

ज्यादातर समय घरों में बीत रहा, ग्रीन हाउस की मांग बढ़ी

नेचर के साथ जुड़ाव के अनुसार ग्रीन बिल्डिंग बन रही हैं। यह आज के वक्त की मांग भी है। इन बिल्डिंगों में बिजली और पानी कम खर्च होता है। कचरा भी कम निकलता है। कुल मिलाकर लोगों को एक बेहतर सेहतमंद माहौल मिलता है।

कोरोना के दौर में लोग ज्यादातर समय घरों में बिता रहे हैं। उनके लिए सेहत और साफ-सफाई का महत्व बढ़ा है। खरीदारों में जागरूकता बढ़ने के साथ आने वाले दिनों में ग्रीन बिल्डिंग ज्यादा बनेंगी। इनमें यूटिलिटी और मेंटेनेंस का खर्च भी कम होगा।

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